डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
लाचारी, मजबूरी और मुफलिसी के कारण गौरव दीक्षित का परिवार टूट चुका है। उनकी दोनों किडनी फेल होने की वजह से अब पुनः किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए बाकी रूपयों के लिए गौरव ने जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी से मदद की गुहार लगाई है।
उनकी पत्नी श्रीमती अलका दीक्षित की तरफ से जिलाधिकारी को संबोधित प्रार्थना पत्र के अनुसार नगर के मोहल्ला कोट के निवासी गौरव दीक्षित विगत 4 वर्षों से किडनी के असाध्य रोग से ग्रसित हैं । जो सप्ताह में लगभग 3 बार डायलिसिस कराते हैं । अब तो उनके दोनों कानों ने सुनने की शक्ति भी खो दी है।
दो छोटी-छोटी बेटियां
उनके दो छोटी-छोटी बेटियां हैं । परिवार के अपने खर्चे होते हैं और इस असाध्य रोग के कारण उन पर होने वाले खर्च भी उनकी आय का कोई पर्याप्त स्रोत ना होने के कारण लाचारी, मजबूरी और मुफलिसी का कारण बने हुए हैं । उनकी पत्नी अलका दीक्षित ने अपनी किडनी देने की बात कह कर जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी से अपने पति की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए गत 6 अगस्त को एक प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद के लिए दिया था । जबकि नोएडा के जेपी हॉस्पिटल ने उनके किडनी प्रत्यारोपण पर लगभग 13.5 लाख रुपए का खर्च होने का अनुमान बताया था । इसी अनुमानित रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी की संस्तुति पर किडनी प्रत्यारोपण हेतु शासन द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष से उन्हे 5 लाख की आर्थिक मदद जेपी हॉस्पिटल के खाते में भेज दी गई है। जो कि उन पर होने वाले खर्च के लिए पर्याप्त नहीं है । इसलिए पुनः उनकी पत्नी अलका दीक्षित ने जिलाधिकारी से बाकी 8.5 लाख रुपए की रकम भी मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र दिलाए जाने की मांग की है । जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर से रिपोर्ट मांग कर उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से बाकी धनराशि दिलाए जाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है।