Friday, November 22, 2024
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’हम ग़ज़ल वाले कहाँ से बा अदब गुज़रे नहीं’

 

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
बज़्मे ज़िंदा दिलाने अमरोहा की जानिब से शेरी महफ़िल का आयोजन किया गया।
शेरी महफ़िल का आयोजन
मौजूदा दौर के मशहूर शायर नईम सरमद, जिगर नौगांनवी , अनस फ़ैज़ी , सुलेमान फ़राज़ हसनपुरी की अमरोहा आमद पर बज़्मे ज़िंदा दिलाने अमरोहा की जानिब से एक शेरी महफ़िल ज़ाहिद अंजुम के मकान मोहल्ला सरए कोहना में सजाई गयी। जिस की सरपरस्ती डॉ सिराजुद्दीन हाश्मी ने फ़रमाई , सदारत साबिक़ चेयरमैन डॉ अफसर परवेज़ ने और संचालन नौजवान शायर शिबान क़ादरी ने की।
इस मौके पर बज़्मे ज़िंदा दिलाने अमरोहा के सरपरस्त डॉ सिराजुद्दीन हाश्मी ने मेहमान की गुलपोशी कर इस्तक़बाल किया और नेक दुआओं से नवाज़ा। महफ़िल का आग़ाज़ अमजद अमरोहवी ने नात पढ़ कर किया। उसके बाद मुशायरे में तशरीफ लाए शायरों ने शेर पढ़ कर खूब दाद हासिल की।
शायरों के शेर हाज़िर हैः

’डॉ. अफसर परवेज़’ ने कहा — तुमने खुदको जो अकेला कभी पाया होगा, मेरी यादों के सिवा कोई न आया होगा।

’जिगर नौगांवी’ ने कहा — हाँ दुआए भी ज़रूरी हैं दुआएं भी करो , काम भी शर्त है हालात बदलने के लिए।

’नईम सरमद’ नवाज़ ने कहा — फिर इसके बाद उसने मेरी आँखें भी गीली कर दी , मैं पूछ बैठा था तेरी आँखों को क्या हुआ है।

’सैयद शीबान क़ादरी’ ने कहा — शहरे खुबा, मयकदा, बुतखाना, मस्जिद,ख़ानख़ाह, हम ग़ज़ल वाले कहाँ से बा अदब गुज़रे नहीं।

’सुलैमान फ़राज़ हसनपुरी’ ने कहा —- खूब है तेरी वफ़ा का ये तमाशा लेकिन मुझ तलक तेरी जफ़ा की खबर आ जाती है।

’नासिर अमरोहवी’ ने कहा — शबे विसाल भूल जा सजा है क्या जज़ा है क्या , तुझे गुना का वास्ता तुझे सवाब की क़सम।

’अनस फ़ैज़ी’ ने कहा — गेट पर दोज़ख के मेने एक फ़रिश्ते से कहा,किस तरह आमाल मेरे यूँ भला कम रह गए ,हंस के बोला आप का एसी टपकता था जनाब,इतना टपका आपके आमाल सरे बह गए।

’सावन शुक्ला’ ने कहा — वंही से जिस्म उसका कांपता था, जहाँ से मई उसे छूता नहीं था।

’अमजद अमरोहवी’ ने कहा — कोई मंज़िल है न जादा है न रहबर कोई, व्हशते दिल ये बता मुझको कहाँ लायी है।

’अनीस अहमद’ ने कहा —जाने क्या बात होइ कोलो क़सम टूट गए, सारे उल्फत के मोहब्बत के भरम टूट गए।

’ज़ोहेब अमरोहवी’ ने कहा —मेरी आँखों का ख्वाब था कोई, रुक का इज़्तेराब था कोई।

’हाशिर अमरोहवी’ ने कहा —- सफ़हाते रोज़ो शब् है तलातुम में हिज्र के,औराक़े ज़िन्दगी हैं परेशा तेरे बग़ैर।

’सुल्तान मंसूरी’ ने कहा — के रुतबा मेरा मोताबर हो रहा है, दुआओं में मेरी असर हो रहा है।

महफ़िल के आख़िर में प्रोग्राम के कनवीनर नासिर अमरोहवी व शिबान क़ादरी ने प्रोग्राम में तशरीफ लाए सभी लोगो का शुक्रिया अदा किया।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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