डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
भारतीय इतिहास संकलन समिति, मेरठ प्रांत के अध्यक्ष तथा के एपीजी कॉलेज कासगंज के प्राचार्य/प्रखर वक्ता डॉ. अशोक रुस्तगी ने कहा कि भारत का गौरवमय इतिहास हमें अपने स्वाभिमान से जोड़ता है। विश्व की 150 संस्कृतियों में से आज केवल भारत की संस्कृति ही अपने पूर्ण रूप में जीवित है।
आजादी अमृत महोत्सव
12 दिसंबर को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ग्राम बीवडा़ खुर्द में आयोजित एक समारोह मंे उन्होंने कहा कि बलिदानियों के इतिहास को हमें अपनी युवा पीढ़ी को समझाना होगा, तभी वह देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझेंगे। विवेकानंद ,दयानंद ,लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस ,बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस ,भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद जैसे महान बलिदानियों के जीवन से प्रेरणा लें
इस अवसर पर समाज सेवी नरेश कुमार चौहान ने कहा की देश के प्रति सभी को अपने कर्तव्य का निर्वाह करना चाहिए। श्री रामस्वरूप सिंह महाविद्यालय, लाडनपुर के प्राचार्य डॉ. देवेश चौहान ने कहा कि राणा प्रताप ,वीर शिवाजी एवं पृथ्वीराज चौहान की देशभक्ति का लोहा सारी दुनिया मानती है । हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए तथा स्कूलों के पाठ्यक्रम में इनके बलिदान की गाथाओं को पढ़ाया जाना चाहिए।
पत्रकार डॉ. बृजेश चौहान ने कहा कि आजादी के आंदोलन में प्रेस का बहुत बड़ा योगदान था। यदि पत्रकारिता न होती तो देश को आजाद होने में और अधिक समय लगता।
स्त्री राष्ट्र की आधारशिलाः डॉ. बीना रूस्तगी
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए राष्ट्र सेविका समिति की जिला कार्यवाहिका व जेएस हिंदू पीजी कॉलेज, अमरोहा में हिंदी विभाग की अध्यक्षा डॉ. बीना रूस्तगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्त्री राष्ट्र की आधारशिला होती है ।अच्छी संतति का निर्माण कर वह राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे सकती है। माताओं को प्रारंभ से ही अपनी संतानों को संस्कारित करना चाहिए।
इस अवसर पर ’अगर हम नहीं देश के काम आए धरा क्या कहेगी गगन क्या कहेगा’ समूह गान भी प्रस्तुत किया गया।
इस मौके पर मौजूद रहे
कार्यक्रम में ग्राम प्रधान हरिओम पाल ,रवि कुमार ,ज्ञान प्रकाश ,मुकेश कुमार, कमलेश कुमार ,डॉ. परमानंद, रविंद्र कुमार ,दीपक चौहान ,गौरी शंकर, शकुंतला रूस्तगी,आशा, मुन्नी देवी, वीरवती ,उर्मिला ,सरिता ,अवनीश कुमार प्रवेंद्र कुमार ,पवन कुशवाहा ,अभिषेक राजपूत ,आशीष कुमार ,लक्ष ,दीपिका, मनी आदि सहित अनेक नर नारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बीना रुस्तगी ने किया।