डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर ने जोया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय केशोपुर में तैनात सहायक अध्यापिका मीनाक्षी के स्कूल न आने और लखनऊ रहकर वेतन लेने पर रोक लगा दी है। साथ ही लेखाधिकारी और जोया में तैनात रहे खंड शिक्षा अधिकारियों का स्पटीकरण तलब किया है।
चार साल से चल रहा घालमेल
इस मामले का खुलासा विकास खंड जोया के प्राथमिक विद्यालय केशोपुर में तैनात प्रधानाध्यापिका फाजिला नुजहत के बीएसए को प्रार्थना पत्र देेने पर हुआ। वह 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त हो गईं उन्हें चार्ज सहायक अध्यापिका मीनाक्षी को देना था लेकिन आरोप है कि मीनाक्षी महीने में कभी कभी ही स्कूल आती हैं। अब मीडिया में यह मामला चर्चा मंे आने पर अमरोहा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि शिक्षिका के पति लखनऊ मंे किसी माननीय के गनर है जिस वजह से अफसरों को प्रभाव में लिया गया।
आरोप है कि शिक्षिका चार साल से लखनऊ रहकर इसी तरह वेतन ले रही है महीने या दो महीने में कभी कभी स्कूल आती हैं।
पहले भी कार्रवाई हुई
बीएसए चंद्रशेखर ने बताया कि शिक्षिका के खिलाफ उनके कार्यकाल से पहले भी कार्रवाई हुई। फिलहाल उन्होंने बीईओ जोया की रिपोर्ट के आधार पर मीनाक्षी के वेतन पर रोक लगाई। गौरतलब है कि जोया के बीईओ मोहम्मद राशिद ने हाल में कार्यभार ग्रहण किया है।
बीएसए ने बताया कि मौजूदा बीईओ को मीनाक्षी की सेवा पुस्तिका, मानव संपदा पोर्टल, मेडिकल व अन्य अवकाशों की जांच करते हुए रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा चार साल के दौरान जोया में रहे सभी बीईओ और लेखाधिकारी का स्पष्टीकरण तलब किया गया।
आला अफसरों को अवगत कराया
बीएसए ने बताया कि प्रधानाध्यापिका भी इस घालमेल में दोषी हैं उन्होंने मीनाक्षी की उपस्थिति को किस आधार पर प्रमाणित किया। उनका भी स्पष्टीकरण तलब किया गया है। मामला लखनऊ और माननीय के गनर से जुड़ा होने के कारण बीएसए ने कार्रवाई से डीएम बालकृष्ण त्रिपाठी और शिक्षा विभाग के आला अफसरों को भी अवगत करा दिया है।