डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
20 अप्रैल को जिला अस्पताल से मैं डॉ. दीपक अग्रवाल दवा लेने गया। आयुर्वेद के चिकित्सक डॉ. गौरव मुदगल ने दवा लिखकर दी और फार्मेसिस्ट ने दवा लिखे अस्पताल के पर्चें पर रख कर दवा पकड़ा दी।
इस तरह 30 गोलियों को अस्पताल के पर्चे पर रखकर घर लाना मुझे मुश्किल लगा। अगर मैं पर्चे की पुड़िया बना लेता तो वह बेकार हो जाता और अगली बार डाक्टर को पर्चा कहां से दिखाता।
इस पर फार्मेसिस्ट से बात की तो उन्होंने बताया कि हमें दवा रखकर देने के लिए कागज नहीं मिलता है कई बार लिखकर दिया लेकिन व्यवस्था नहीं होती है अपने स्तर से व्यवस्था करते रहते हैं। डाक्टर साहब से बात की तो उनका भी यही जवाब था। उन्होंने बताया कि कई बार मांग की लेकिन व्यवस्था नहीं हो पाई। तब डाक्टर साहब बोले आपके पास रद्दी पेपर हो तो उनसे भी काम चल जाएगा। यह सुनकर मैंने अस्पताल को दवा के लिए कागज डोनेट करने का संकल्प लिया। मैं जब भी अस्पताल जाऊंगा हर बार कागज दवा वितरण के लिए डोनेट करूंगा।
मैंने इसकी शिकायत किसी भी अधिकारी से न करने का मन बनाया। अगर इस खबर को पढ़कर अधिकारी जनहित में कुछ कर सके तो बेहतर है। तमाम एनजीओ और सामाजिक संगठन भी यह काम कर सकते हैं जरूरत व्यवस्था बनाने और जागरूकता की है।