Friday, November 22, 2024
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शिक्षिका/कवियत्री हेमा तिवारीः जिसके हाथों गया उकेरा भावी जीवन सारा

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
हिंदी साहित्य भारती ( अमरोहा)की कार्यक्रम श्रृंखला राष्ट्र वंदन कवि अभिनंदन के चतुर्थ कार्यक्रम में आमंत्रित कवियत्री श्रीमती हेमा तिवारी भट्ट ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। विभिन्न भावों में रची उनकी कविताओं ने सभी को आनंदित कर दिया। गुरु की महिमा को उन्होंने इस तरह इंगित कियाः जिसके हाथों गया उकेरा भावी जीवन सारा।
साहित्य समाज को सदैव दिशा देता
यह कार्यक्रम हिन्दी साहित्य भारती अमरोहा तथा हिंदी व संस्कृत विभाग,जे एस हिन्दू पी जी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया। कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. वीर वीरेंद्र सिंह के संरक्षण तथा प्राचार्य डॉ. अशोक रुस्तगी व पूर्व प्राचार्य डॉ. वंदना रानी गुप्ता के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। डॉ. बीना रुस्तगी ने अध्यक्षता व संचालन डॉ. अरविंद कुमार ने किया। कार्यक्रम का आरंभ हिंदी साहित्य भारती के कुल गीत गायन से हुआ। शिवम शर्मा व दीप गिरि ने कुलगीत प्रस्तुत किया। अध्यक्षा डॉ. बीना रुस्तगी ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए सभी का अभिनंदन किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि साहित्य समाज को सदैव दिशा देते आया है। अच्छा साहित्य लोकोपयोगी होता है।हिंदी साहित्य में जिस विश्व मंगल की भावना आरम्भ से ही विधमान रही है हेमा तिवारी का साहित्य भी उसी वसुधैव कुटुंबकम की भावना से ओतप्रोत है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रणदेव सिंह ने श्रोताओं को कवियत्री हेमा तिवारी के व्यक्तित्व व कृतित्व से परिचित कराया।
भोर तम की नींद से सूरज जगा है
कवियत्री हेमा तिवारी ने कई भावों की विभिन्न कविताओं का सुंदर पाठ प्रस्तुत किया।उनकी कविताओं में देश-समाज की बेहतरी के साथ ही प्रकृति की सुंदरता व जन जीवन की गूंज स्पष्ट सुनाई दी। तमाम समस्याओं के बीच उन्होंने उम्मीद न छोड़ने की बात कही। उन्होंने कहाः भोर तम की नींद से सूरज जगा है,देख फिर विश्वास को सम्बल मिला है। देश हित में उन्होंने आह्वान किया कि आज जरूरत फिर से इंकलाब करें हम। इसके साथ ही उन्होंने मुहावरों व कहावतों का सुंदर उपयोग करते हुए कई मुक्तक सुनाए।गुरुजनों का स्मरण उन्होंने जिसके हाथों गया उकेरा भावी जीवन सारा के मधुर गायन के साथ किया।
विश्व का कल्याण लेखक का दायित्व
डॉ. अशोक रुस्तगी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कवि साहित्य सृजन के माध्यम से हृदय के भावों को अभिव्यंजित करता है। अपने शब्द-शिल्प से राष्ट्र तथा विश्व का कल्याण करना लेखक का दायित्व है। कवियत्री हेमा तिवारी का काव्य इस दायित्व को बखूबी निभा रहा है। अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम मंे शामिल रहे
इस अवसर पर डॉ विश्वकुमार, सीमा शर्मा, अविनाश चौहान, डॉ निधि, डॉ. रमा रस्तोगी, सिद्धार्थ शर्मा, दीप गिरि, विंग कमांडर शैलेश कुमार शर्मा, शिवम कुमार शर्मा, कुलदीप चौहान, डॉ वन्दना रानी गुप्ता, पारस अमरोही ,सलिल गोयल, कृष्ण कुमार सिंह, नंदिनी, डॉ. रेणु इत्यादि उपस्तिथ रहे। कार्यक्रम में सम्मिलित रहे विशिष्ट अतिथि भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर शैलेष शर्मा, अतिरिक्त जिम्मेदारी तथा खतरे से भरी ड्यूटी के बावजूद भी वे हिन्दी साहित्य भारती के कार्यक्रमों में समय निकालकर प्रतिभाग करते रहते हैं। वे जे एस हिन्दू पी जी कॉलेज के पुरा छात्र भी हैं।उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि इस संस्था के माध्यम से वे माँ भारती,हिंदी भाषा,अमरोहा शहर व अपने गुरुजनों से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
कोरोना की गति को देखते हुए भविष्य में ऑफ़लाइन कार्यक्रम करने पर भी जोर दिया गया। कई साथी तकनीकी व्यवधान के चलते कार्यक्रम से जुड़ नहीं पाए।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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