डॉ. दीपक अग्रवाल
बिजनौर-अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था को लेकर उठने वाले तमाम सवालों पर जनपद बिजनौर के प्राथमिक विद्यालय दारानगर के प्रधानाध्यापक डॉ.आकाश अग्रवाल ने विराम लगाया है। उन्होनें न केवल विद्यालय में शिक्षा का वातावरण तैयार किया, बल्कि सुविधाएं जुटाकर बच्चों व अभिभावकों का विश्वास कायम किया। उनके इन्हीं प्रयासों के चलते, उन्हें शासन द्वारा, प्रदेश के सबसे बड़े पुरूस्कार, राज्य अध्यापक पुरूस्कार 2019-20 प्रदान किया गया। मूलतः आकाश के पिता प्रदीप अग्रवाल अमरोहा के निवासी थे। अब बिजनौर में बस गए हैं।
गौरतलब है कि पहले राजकीय शोक एवं फिर कोविड संक्रमण के चलते, मुख्य पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित नहीं हो पाया था। अतः शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में उपशिक्षा निदेशसक मोहम्मद मुबीन ने अपने कर-कमलों से डॉ.आकाश अग्रवाल को यह प्रशस्ति पत्र एवं अन्य सामग्री प्रदान कीं। इस पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र के साथ ही, एक वेतन वृद्धि, दो वर्ष का सेवा विस्तार, उप्र परिवहन की बसों में निःशुल्क यात्रा तथा अन्य लाभ भी प्रदान किये जाते हैं।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी
उल्लेखनीय है कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी, डॉ.आकाश अग्रवाल ने बेसिक शिक्षा विभाग में अपनी यह यात्रा सन 2007 में शिक्षामित्र के रूप में प्रारम्भ की थी, 2009 में इनकी नियुक्ति सहायक अध्यापक एवं 2014 में पदोन्नति प्रधानाध्यापक के पद पर की गयी। उन्होनें अलग-अलग समय पर, विद्यालय में भौतिक एवं शैक्षिक नवाचार किये। उन्होनें विद्यार्थियों में न सिर्फ शिक्षा पर कार्य किया वरन खेलों में भी इनके विद्यार्थियों ने मण्डल स्तर तक प्रतिभाग किया। डॉ.अग्रवाल ने अपने पूर्व विद्यालय में दो बार ब्लॉक स्तरीय खेलों का आयोजन भी करवाया।
‘बाला’ के नाम से मान्यता भी मिली
उन्होनंे 2009 से कक्षा-कक्ष की दीवारों को शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग किया जिसे कालान्तर में शासन व विभाग द्वारा ‘बाला’ के नाम से मान्यता भी मिली। इसके अतिरिक्त सेवारत शिक्षक-प्रशिक्षण, बालिका सशक्तिकरण, पेटा कार्यशाला, नशामुक्ति अभियान, ग्रेडेड लर्निंग कार्यक्रम (जिला रिसोर्स पर्सन के रूप में), डी.एल.एड. प्रशिक्षण, निष्ठा प्रशिक्षण (स्टेट रिसोर्स पर्सन के रूप में), मिशन प्रेरणा (स्टेट रिसोर्स पर्सन के रूप में), विभिन्न जनपद स्तरीय प्रशिक्षण, लोकसभा, विधानसभा आदि चुनाव व मतगणना में मास्टर टेªनर्स व मजिस्ट्रेट को प्रशिक्षण दिया जिसके लिये अनेक बार जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, डायट प्राचार्य एवं बेसिक षिक्षा अधिकारी आदि के द्वारा सम्मानित किया गया। आकाशवाणी नजीबाबाद से भी आपकी तीन वार्ताएं ऑनएयर की गयीं।
सेवा में रहते हुये भी उच्च शिक्षा प्राप्त की
डॉ.आकाश अग्रवाल ने सेवा में रहते हुये भी उच्च शिक्षा प्राप्त की। 2015 में इन्हें, एम.जे.पी.रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की। उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनारों में प्रतिभाग किया जहाँ उनके शोध-पत्रों को स्थान मिला। आज बेसिक शिक्षा की धुरी बने, लर्निंग आउटकम्स को तैयार करने हेतु आयोजित दोनों कार्यशालाओं में भाग लेकर, उन्होनें अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया। वे जनपद पी.एल.सी. के सदस्य एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर भी रहे। कोरोना संक्रमणकाल में भी उन्होनें व कुछ अन्य एस.आर.जी. साथियों ने प्रदेश में पहल करते हुये विद्यालय स्तरीय व्हाट्सअप ग्रुप बनवाये जो पूरे प्रदेश में मिशन प्रेरणा की ऑनलाइन पाठशाला का प्रमुख बिन्दु रहा। संक्रमणकाल में ही डॉ.अग्रवाल द्वारा, स्वतन्त्र रूप से, चार राज्य स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसे राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त शिक्षाविदों ने भी सम्बोधित किया।
25 वर्षंों से शिक्षा व समाजसेवा के क्षेत्र में
वह लगभग पिछले 25 वर्षंों से शिक्षा व समाजसेवा के क्षेत्र में भी जुड़े रहें हैं जिस हेतु उन्हें जिला प्रशासन, समाजसेवी संस्थाओं व विभिन्न क्लबों द्वारा भी समय-समय पर सम्मानित किया जाता रहा है। वर्तमान में भी, अपने विद्यालय के साथ-साथ एस.आर.जी. के रूप में विभाग में अपनी अथक सेवायें दे रहे हैं। अन्य साथियों के साथ, एस.आर.जी. के रूप में कार्य करते हुये, दीक्षा एप, रीड एलोंग एप एवं प्रेरणा लक्ष्य एप के माध्यम से न सिर्फ अपने विद्यालय, वरन सम्पूर्ण जनपद में बच्चों को पढ़ाने-पढ़वाने में, महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके सम्मिलित प्रयासों से, जनपद बिजनौर अनेक बार, प्रदेश के टॉप 5 जनपदों में सम्मिलित रहा है।