डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
सर्व शिक्षा अभियान को समर्पित शिक्षक राजेश कुमार ने कविता के माध्यम से बाल मन कंी मनोदशा को उकेरने का प्रयास किया है।
——-माँ मुझको किताब मंगा दो——
माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
सीख सीखकर सारी बाते, तुम को भी बतलाऊंगा।।
पाँच जन्मदिन बीत गये, अब स्कूल जाना है।
पढ़ लिखकर बनूंगा अफसर, ऐसा मैंने ठाना है।
बैठकर ऊँची कुर्सी पर, मैं भी हुकुम चलाऊंगा ।।
माँ मुझको किताब मंगा दो।
गणवेश का कपड़ा लाना, अच्छे दजी से सिलवाना।
जूते मौजे और स्वेटर, अपने हाथों से पहनाना।
पहनकर कोट सबसे ऊपर, मैं भी टाई लगाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो।
बस्ता लाओ अच्छा सुन्दर छपा हो जिसपर भालू बन्दर।
रबर पेन्सिल और किताबें, मम्मी रखना उसके अन्दर।
रोटी सब्जी और अचार में मिल बॉटकर खाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो
पढ़ लिखकर हम बने महान, पूरा हो सर्व शिक्षा अभियान।
माता-पिता और गुरूजन का बढ़ जाये देश का मान।
पढ़े भारत बढ़े भारत में यह बीड़ा उठाऊंगा।।
माँ मुझको किताब गंगा दो
रचनाकारः राजेश कुमार
प्रधानाध्यापकः पीएस अब्बू शहीदपुर
अमरोहा।