डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
31 मई 2022 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर अमरोहा के विभिन्न परिषदिय विद्यालयों में ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर के निर्देशन में विश्व तंबाकू निषेध दिवस से संबंधित समस्त जानकारियां साझा की गई। पूर्व डीसी तरुण कुमार औलक द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कोटपा अधिनियम 2003 की संपूर्ण जानकारी देते हुए तंबाकू मुक्त परिसर करने व तंबाकू से होने वाली बीमारियां एवं दुष्परिणाम तथा बच्चों का तंबाकू उत्पादों के प्रति बढ़ते लगाव पर अंकुश लगाने के लिए प्रेरित किया
31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस
पूरी दुनिया में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है इस दिन का मकसद तंबाकू के उपयोग से जुड़े खतरे को उजागर करना है विश्व स्वास्थ्य संगठन तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को बढ़ावा देता है और सरकार की ऐसी नीतियों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जो धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों उपयोग को कम करने में मदद करती हैं।
हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग मरते
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग मरते हैं भारत की बात करें तो 13 लाख लोगों की मौत प्रतिवर्ष तंबाकू से हो जाती है इसके अलावा 1 दिन में 3500 मौतें तंबाकू के सेवन से भारतवर्ष में हो जाती हैं भारत तंबाकू खाने में पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर, प्रथम स्थान पर चाइना और तृतीय स्थान इंडोनेशिया तंबाकू खाने में आता है किसी भी तरह के तंबाकू का सेवन करने से फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है और सांस की बीमारियों की गंभीरता बढ़ जाती है तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस अलग थीम के साथ मनाया जाता है इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम है( तंबाकू स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरा) पर केंद्रित है। 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें 7 अप्रैल 1988 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में घोषित किया गया इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का सेवन न करने के लिए प्रेरित किया जा सके, बाद में 1988 में संगठन ने एक प्रस्ताव पारित किया तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाए।