डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
अमरोहा में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र मोहल्ला कोट में स्थित प्रभु संदेश भवन द्वारा मातेश्वरी जगदंबा का 56 वां पुण्यतिथि दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में राजयोगिनी बीके अर्चना ने संस्था की मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाए जाने पर शुभकामनाएं दी गई। बताया गया कि अवसाद के दिनों में उन्होंने ब्रहमाकुमारीज से आध्यात्कि ज्ञान प्राप्त किया, जिसने संजीवनी बन उनके जीवन की धारा को बदल दिया।
आध्यात्मिक जीवन का निर्माण किया
बीके अर्चना ने कहा कि इस यज्ञ को विश्व स्तर पर पहचान देने वाली ब्रह्मोत्सव की पालना करने वाली, ब्रह्माकुमारीज की नींव बन कर सर्व आत्माओं को शिव परमात्मा का संदेश देने वाली हमारी मातेश्वरी जगदंबा जी ने अनेकों के आध्यात्मिक जीवन का निर्माण किया है। और उनका स्लोगन था हुकमी हुकुम चला रहा है, करावन हार करा रहा है, हर घड़ी अंतिम घड़ी। वे कहती थी तीव्र पुरुषार्थी का मतलब जो एक बार गलती हो गई ,वह दोबारा ना हो । उन्होंने शिव परमात्मा की शिक्षाओं को 100 परसेंट अपने जीवन में उतारा कर सभी के लिए रोल मॉडल बनी ।इसलिए वह जगत माता जगदंबा ब्रम्हाकुमारी सरस्वती कहलाई।
24 जून 1965 में पुराने देह का त्याग
इन्होंने विश्व कल्याण के लिए अनेकानेक सेवाएं करते हुए 24 जून 1965 में पुराने देह का त्याग किया। हम सबको मातेश्वरी जगदंबा से यही शिक्षा मिलती है कि हम भी सदैव समाज की सेवा में तत्पर रहें। जीवन को कमल फूल समान दिव्य बनाएं। दिव्य संस्कारों से अपने को भरपूर करें।
कार्यक्रम के अंत में सभी भाई बहनों ने उनके समान विशेषताओं को अपने जीवन में धारण करने का संकल्प लिया कुमारी गौरी ने मां की महिमा के ऊपर नृत्य प्रस्तुत किया है, कुमारी शगुन ने मां का रोल प्ले किया। कार्यक्रम में सभी भाई बहनों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस मौके पर मौजूद रहे
कार्यक्रम में बीके लवली, होरीलाल , राकेश, योगेश चंद्र सर्राफ, अशोक रस्तोगी, मनोज वर्मा, डॉ. दीपक अग्रवाल, सतीश स्वराज, विजयपाल , विजयपा तयल, मंजू ,अनीता, नीता ,विमला, सरोज, सुमन, सुप्रिया ,भारती, चंचल रिशु आदि आदि मौजूद रहे।