Saturday, November 23, 2024
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संस्कार भारती के प्रणेता पद्मश्री बाबा योगेंद्र ब्रहमलीन

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के संस्थापक/संरक्षक पद्मश्री बाबा योगेंद्र जी ब्रहमलीन हो गए। उनका जाना कला एवं साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। अगर उन्होंने संस्कार भारती का पुजारी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
10 जून को देहावसान 
बाबा योगेन्द्र जी दद्दा हमारे बीच से 10 जून को महायात्रा पर निकल गए। अपने पीछे छोड़कर गए हैं संस्कारों को समर्पित कार्यकर्त्ताओं की टोली। दद्दा ने पूरे जीवन में प्रेरित कर सभी प्रकार की कलाओं को समृद्ध बनाने में तिल तिल गलकर जीवन का एक एक क्षण लगाया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आजीवन अविवाहित प्रचारक के रूप में अहर्निश देश के कौने- कौने से पत्थर उठाये उन्हें करीने से काट छाँट कर अनमोल हीरा बनाया। साधु सा जीवन, सरल निश्चल स्वभाव कोई बनावट नहीं जैसा मिला खा लिया जहाँ जैसा बिस्तर मिला सो गए। अद्भुत कलाऋषि, धीरगम्भीर कड़क आवाज में कार्यक्रमों का संचालन, उनसे पद्मश्री की भी शोभा बढ़ी। देश भर के कार्यकर्ताओं को नाम से पहचानना उनकी विलक्षण स्मरणशक्ति का द्योतक रहा। 10 जून को निर्जला एकादशी को लखनऊ के श्री राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में बाबा ने अंतिम साँस ली। दद्दा ने संस्कारभारती को बनाया ,सींचा और जी भरकर जिया भी। उसको आगे और समृद्ध बनाने का दायित्त्व हम सभी पर है। उनको सच्ची श्रद्धांजलि तो यही होगी। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में उचित स्थान प्रदान करें। बाबा फिर से भारतभूमि में जन्म लें और भारत माता को विश्व गुरु के स्थान पर आरूढ़ होते देख सकें।
1924 को यूपी के बस्ती जिले में जन्म
बाबा योगेंद्र की गिनती संघ के वरिष्ठतम प्रचारकों में होती थी. बाबा योगेंद्र का जन्म 7 जनवरी 1924 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के एक गांव में वकील विजय बहादुर श्रीवास्तव के घर हुआ था। जब वह दो साल के थे मां का साया सिर से उठ गया और उनका लालन-पालन उनकी चाची ने किया। छात्र जीवन के दौरान ही योगेंद्र गोरखपुर में नानाजी देखमुख के संपर्क में आ गए। योगेंद्र पर संघ और नानाजी के सेवा भाव का ऐसा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने अपना जीवन संघ की सेवा में ही समर्पित करने का निर्णय कर लिया। .
पीएम नरेंद्र मोदीः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि देश सेवा में समर्पित पद्मश्री बाबा योगेंद्र के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ. उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
सीएम योगीः
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि बाबा योगेंद्र कला के प्रति समर्पित रहे. उन्होंने नवोदित कलाकारों को हमेशा प्रोत्साहित किया. उनके निधन से कला जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।
1981 में संस्कार भारती का गठन
1981 में संस्कार भारती का गठन हुआ और इसकी जिम्मेदारी संघ के प्रचारक बाबा योगेंद्र को दी गई थी. बाबा योगेंद्र ने कई कलाकारों, लोक कला के जानकारों को संस्कार भारती से जोड़ा. खास बात ये है कि देश भर में कहीं की भी लोक कला हो, बाबा योगेंद्र ने उसको संस्कार भारती का हिस्सा बनाया। बड़े कलाकारों की जगह छोटे-छोटे कलाकारों को संगठन से जोड़ा, कला और संस्कृति से जुड़े आयोजन किए. बाबा योगेंद्र ने संस्कार भारती को संस्कार, कला और राष्ट्रप्रेम की त्रिवेणी बनाया
2018 में पद्मश्री से सम्मानित
देश के हर राज्य में आज संस्कार भारती की शाखाएं हैं जो राष्ट्रवाद को लोक कला से मिलाकर कलाकारों को न सिर्फ प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि जगह-जगह आयोजन भी करती हैं. कला की इसी साधना के लिए बाबा योगेंद्र को वर्ष 2018 पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

(लेखक डॉ. दीपक अग्रवाल संस्कार भारती अमरोहा उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष है।)

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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