डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
देवभूमि उत्तराखंड के प्रवेशद्वार कोटद्वार की पुण्य धरा पर 7जून 1973 को बिजनौर निवासी अशोक निर्दोष के संयोजकत्व और संस्थापक महासचिव के रूप में स्थापित उत्तराखंड की प्रख्यात साहित्यिक संस्था साहित्यांचल के 50 गौरवशाली वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश के अवसर पर एमकेएनवी स्कूल में आयोजित भव्य समारोह में 7 जून 2022 को उन्हें माल्यार्पण, अंगवस्त्र भेंट,बैच लगा कर और न केवल स्मृति चिन्ह भेंट कर अपितु उद्बोधन का अवसर प्रदान कर सम्मानित किया गया।
अशोक निर्दोष ने पुरानी स्मृतियां साझा कीं
इसके लिए श्री निर्दोष ने आयोजकगण, साहित्यांचल, जनार्दन बुडाकोटी, मयंक कोठियाल और सभी उपस्थित ज्येष्ठ और श्रेष्ठ साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 1973 से 1975 के दो वर्ष के कार्यकाल को जिसमें हजारी प्रसाद द्विवेदी, पंडित बनारसी दास चतुर्वेदी, कमल साहित्यालंकार आदि का अभिनंदन करने का सुअवसर मिला था। हार्दिक विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की रमेश मिस्र सिद्धेश, भैरव दत्त धूलिया, बैरिस्टर मुकंदी लाल, मेहरबान सिंह कंडारी, ललता प्रसाद नैथानी,कुंवर सिंह नेगी कर्मठ को। सान्निध्य मिला डॉ. वेद प्रकाश माहेश्वरी शैवाल चक्रधर शर्मा कमलेश, डॉ. नागेंद्र ध्यानी अरुण, डॉ. नंद किशोर ढौंडियाल, सुंदर लाल आर्य, एस पी कुकरेती का। बिजनौर से श्री निर्दोष के साथ गए मित्र जेपी वार्ष्णेय, किशन लाल और संतराम देशवाल।