डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
जिला सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य और समाजसेवी अनिल जग्गा का आरोप है कि जिले 35 हजार वाहन ऐसे हैं जिनके पंजीयन प्रमाण-पत्र एवं फिटनस की वैद्यता समाप्त होने के उपरान्त भी संचालन हो रहा है। उन्होंने एसपी को पत्र भेजकर ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की मांग की है।
15 वर्षाे तक के लिये फिटनस एवं पंजीयन
उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 में प्रदत् प्रावधानों के अनुसार निजि/प्राईवेट दो पहियां/चार पहियां एवं कृषि ट्रेक्टर वाहन के रुप में पंजीकृत होने वाले वाहनों को मोटर वाहन विभाग की ओर से वाहन पंजीयन की तिथि से अधिकतम 15 वर्षाे तक के लिये फिटनस एवं पंजीयन प्रमाण पत्र, पंजीयन अधिकारी द्वारा जारी किया जाता हैं तथा उक्त वाहनो के पंजीयन के 15 वर्ष पूर्ण कर लेने के उपरान्त वाहन के पंजीयन प्रमाण-पत्र का पुनः नवीनीकरण तथा वाहन का फिटनस टेस्ट कराया जाना मोटर कानूनों के प्रदत प्रावधानो में अनिवार्य हैं।
परन्तु अमरोहा जनपद के मोटर वाहन विभाग में पंजीकृत निजि/प्राइवेट वाहनों की पंजीयन सीरीज, न्च्23ध् न्च्23।ध् न्च्23ठध् न्च्23ब्ध् के क्रम में पंजीकृत निजि/प्राइवेट मोटर वाहन 15 वर्षाे से अधिक की समयावधि व्यतीत कर चुकें हैं तथा उनके वाहन स्वामियों द्वारा अपने वाहनो का पंजीयन प्रमाण पत्र ना तो नवीनीकरण कराया गया तथा ना ही उक्त वाहनो का पंजीयन निरस्त कराया गया।
मोटर कानूनो को तोड़ने का बड़ा मामला
उपरोक्त सीरीज में ऐसे वाहनो की संख्या लगभग 35 हजार से अधिक हैं जिनमें दो पहियां/चार पहियां वाहन एवं कृषि ट्रेक्टर सम्मलित हैं। जो कि बिना पंजीयन/फिटनस नवीनीकरण कराये जनपद में संचालित हो रहें हैं। उक्त वाहन जहॉ करापवंचन कर रहे हैं वही दूसरी ओर माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशांे के विपरीत बिना थर्डपार्टी बीमा एवं बिना वैद्य प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के संचालित हो रहें हैं जोकि मोटर कानूनो को तोड़ने का बड़ा मामला हैं। उक्त वाहन सड़क सुरक्षा के साथ साथ नागरिको की सामाजिक सुरक्षा के लिये भी बड़ा खतरा है। ऐसे वाहनो से जहॉ एक ओर पर्यावरण दूषित हो रहा हैं वही दूसरी ओर ऐसे वाहनांे से कोई सड़क दुर्घटना घटित होने पर दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को प्रतिकार प्राप्त करने में व्यापक कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं।
केन्द्रीय मोटर यान अधिनियम का उल्लंघन
देखने में आ रहा है कि इस प्रकार के पुराने दो पहियां वाहनो से पीछे बॉडी बनाकर जुगाड़ू वाहन वाहन बनाये जा रहे हैं जोकि केन्द्रीय मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 52 का उल्लंघन हैं तथा इस प्रकार के वाहन को सड़क पर प्रयोग किये जाने की अनुमति नहीं हैं परन्तु ऐसे वाहन ग्रामीण क्षेत्रो के साथ साथ शहरो के भीतर सहजता से देखे जा सकते हैं जोकि खेदजनक हैं।
श्री जग्गा ने मांग की है कि सम्पूर्ण जनपद में ऐसे वाहनो के विरुद्ध सघन चौकिंग अभियान चलवा कर इनके विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के अर्न्तगत कार्यावाही कराने की कृपा करें ताकि राज्य सरकार को चोरी हो रहा राजस्व प्राप्त हो सके तथा पुलिस एवं परिवहन विभाग को शमन शुल्क प्राप्त हो सकें।इ
इस पत्र की प्रतिलिपि डीएम, अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा लखनऊ, एआरटीओ प्रवर्तन अमरोहा को भी भेजी गईं हैं।