डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देशभर में घर-घर तिरंगा अभियान चल रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा के निर्देशन में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के टीचर्स भी घर-घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने में जुटे हैं। इसी क्रम में जिले के शिक्षक शिक्षिकाओं ने अभियान को गति देने का प्रयास अपनी रचनाओं के माध्यम से किया है। प्रस्तुत हैं रचनाएंः
…मेरी शान तिरंगा…..
मैं गौरव हूं, सम्मान हूं,
मैं देश की हुंकार हूं,
ना दंभ भर, ऐ शत्रु मेरे,
मैं युद्ध की टंकार हूं।
मैं इतिहास हूं, भविष्य हूं,
मैं क्रांति हूं और शांति भी,
मैं रौद्र हूं, मैं सौम्य हूं,
मैं प्रलय हूं और निर्माण भी।
मैं देश का अभिमान हूं,
मैं देश की पहचान हूं,
मैं ही श्वास हूं, मैं प्राण हूं,
हर देशवासी की शान हूं।
मैं रक्तरंजित धार हूं,
मैं प्रलयंकारी वार हूं,
हूं मित्रों में गहरा मित्र भी,
पर शत्रुओं का काल हूं।
ना डिगा सका, ना हटा सका,
ना शीश मेरा कोई झुका सका,
मैं अटूट हूं, विश्वास हूं,
मैं जनतंत्र का आह्वान हूं।
मैं शहीदों की शहादत हूं,
मैं राष्ट्र की अमानत हूं,
मैं गर्व हूं, ललकार हूं,
मैं वीरों का अलंकार हूं।
मैं शास्त्र हूं, मैं ही शस्त्र हूं,
मैं राष्ट्रवीरों का अस्त्र हूं,
मैं वीरों की विजयेगाथा हूं,
मैं ही अदृश्य भारत माता हूं।
सोनी सक्सेना
शिक्षिका
प्राइमरी स्कूल नगली शेख
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चलो आजादी मनाएंगे।
आजादी का पावन पर्व है
इसे मनाने आए हैं
तिरंगा हम घर घर लहराएंगे
चलो आजादी मनाएंगे ।
आजादी की इस बेला को सुंदर सा इक रूप दो
सुस्त पड़ी भावनाओं को आज फिर सुनहरी धूप दो।
घर घर तिरंगा लहराकर इसे फिर से तुम सजीव करो
देश भूल रहा है अरे वीरों की कुर्बानियां
याद उन्हें हम दिलाये देशभक्तों की कहानियां।
चलो आजादी मनाएंगे
तिरंगा हम घर घर लहराएंगे।
देश की खातिर जिन बेटो ने अपनी जी जान लगा दी
उन बेटो को याद करे हम हो गर सच्चे हिन्दुस्तानी।
उनको भूले अगर कहीं तो फिर ना खाएं मात
इसलिए जश्ने आजादी मनाएंगे
तिरंगा हम घर घर लहराएंगे।
भावी पीढ़ी इस धरती की देखो कितनी निराली है
डिजिटल युग में जी रहीं बच्चों की फुलवारी हैं।
नहीं पता इन्हें देखो कैसे मिली आजादी
हमारे वीर जवानों के सीने थे फौलादी।
इन्हें बताना बहुत जरूरी गुलामी की कहानी है।
इसलिए एक नया इतिहास रचायेगे। तिरंगा हम घर घर लहराएंगे।
अल्पना यादव
सविलयन विद्यालय सैरकपुर
ब्लाक धनौरा
अमरोहा
’एक अनुरोध पापा से’
पापा एक तिरंगा लाना
घर के ऊपर उसे लगाना।
जब झण्डा लहराएगा,
तब मन मेरा हर्षाएगा ।
देश प्रेम का भाव जगेगा,
बच्चा – बच्चा गाएगा।
गुड्डा चाहे मत लाना ।
पापा एक तिरंगा लाना
घर के ऊपर उसे लगाना।
तीन रंग झण्डे के प्यारे,
मुझको बड़ा सुहाते हैं।
वीर शहीदों की पापा जी
मुझको याद दिलाते हैं।
सेब संतरा मत लाना
पापा एक तिरंगा लाना
घर के ऊपर उसे लगाना।
श्वेत रंग शान्ति सच्चाई
केसरिया जौहर बतलाए।
हरा रंग समृद्धि दाता
हरियाली जग में बिखराए
रेखा सबको समझाना।
पापा एक तिरंगा लाना
घर के ऊपर उसे लगाना।
रेखा रानी
प्रधानाध्यापिका
संविलियन विद्यालय गजरौला।
राष्ट्र प्रेम से भरा ह्रदय हैं
फिर जाने क्यों मन अकुलाता है
क्या हक अदा करूं में आखिर
अपनी इस आजादी का
कंचन कोमल पावन मन ये
धीरअधीर होजाता है
देख के देश को चांद गगन पर
ये इतराता इठलाता हैं
फिर मंगल गीत सुनता हैं
यू अनजाने ही पड़ी नजर जब
फिर बेबसी बीमारी पर
और सहमी सी लाचारी पर
मन धीमे 2 मद्धम मद्धम
भाव विभोर हो जाता है
राष्ट्रप्रेम से भरा ह्दय है
ंफिर जाने क्यों मन अकुलाता हैं
इतराता है इठलाता हैं
फिर भाव विभोर हो जाता है
कहता हैं साबरी आयो मिलकर
आज़ादी का 75 वां जश्न मनाये
और दिल विभोर हो जाता हैं
ऐसे वीर शहीदो को दिल से सलाम करता है।
शाह नवाज़ खान सैफी साबरी
सहायक अध्यापक संविलयन यूपीएस विद्यालय पचोकरा मेहरवान अली ब्लॉक जोया अमरोहा।
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