डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
योग और प्राणायाम दवा की तरह काम करते हैं इसीलिए बहुत सोच समझ कर और प्रशिक्षण प्राप्त कर ही इन्हें करें वरना जान जोखिम में पड़ सकती है।
योग और प्राणायाम की गंगा बह रही है जिसे देखो वह देखा देखी इन्हें करने लगता है। ऐसा नहीं करना चाहिए इन्हें अपनी प्रकृति, आयु, शरीर की बनवाट, रोग, बीपी, शुगर, वजन आदि को देखकर किसी योग प्रशिक्षक की सलाह और आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए। निसंदेह स्वामी रामदेव ने योग को घर-घर पहुंचा दिया और तमाम लोग उनको टीवी पर देखकर योग कर भी रहे हैं लेकिन वह गलत है।
हाल ही मैं हमारे एक मित्र ने स्वामी रामदेव के योग ग्राम आनलाइन कार्यक्रम से जुड़ कर कपालभाति इंट्रीग्रेटड 30 से 40 मिनट तीन माह किया, इससे उनका वजन तो चार किलोग्राम कम हो गया लेकिन आंतों में जबरदस्त इंफेक्शन और फिशर की शिकायत हो गई अब इलाज चल रहा और योग बंद है।
मैंने किसी को निराशा या हतोत्साहित करने के लिए यह लेख नहीं लिखा है बल्कि सचेत करना मेरा मकसद है।
योग और प्राणायाम में फायदे भी है और करना भी चाहिए लेकिन सतर्कता बहुत जरूरी है।
(लेखक डॉ. दीपक अग्रवाल योग एवं एक्यूप्रेशर में डिप्लोमा होल्डर हैं।)