डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
जे. एस. हिन्दू (पी.जी.) कॉलेज, अमरोहा के समाजशास्त्र विभाग की छात्राओं द्वारा समाजशास्त्र सफरनामा शीर्षक पर आयोजित एक कार्यक्रम में समाजशास्त्र विषय से जुड़ी मूल अवधारणाओं का पद्य विधा में प्रस्तुतिकरण किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वाद-विवाद विमर्श रहा, जो सम-सामयिक सामाजिक मुद्दों पर आधारित था। इस कार्यक्रम का निष्कर्ष रहा कि संयुक्त परिवार ही बच्चों की संस्कारशाला होते हैं।
सुदर्शन सभागार में हुआ कार्यक्रम का आयोजन
महाविद्यालय के सुदर्शन सभागार में सम्पन्न हुए इस कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ मंचासीन विद्वानों ने मां सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित कर किया। इसके उपरांत सम्मानित विद्वानों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। स्वागत की इस कड़ी में बी. ए. प्रथम वर्ष की छात्राओं वंशिका, फ़ातिमा जेहरा एवं मनीषा ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
तत्पश्चात समाजशास्त्र सफरनामा का पद्य विधा में प्रस्तुतिकरण बी.ए. प्रथम वर्ष की छात्राओं अलशिफ़ा नूर, मरियम और फातिमा जेहरा ने बड़ी ही लयबद्धता के साथ किया।
कार्यक्रम को अग्रेषित करते हुए सम-सामयिक सामाजिक मुद्दों पर आधारित वाद-विवाद विमर्श की शुरुआत की गई। जिसमें विभिन्न विषयों पर छात्राओं ने पक्ष-विपक्ष में अपनी बात तथ्यात्मक और तर्कपूर्ण तरीके से रखी।
संयुक्त परिवार विषय के पक्ष में मनीषा और अलशिफ़ा नूर ने इस विषय पर विपक्ष में बोलते हुए अपनी सार्थक बात रखी।
दहेज प्रथा में पक्ष-विपक्ष में क्रमशः अर्शी क़मर और राहत अंसारी ने अपनी बात कही।
ग्राम और नगर से जुड़ी जीवनशैली के परिवर्तित होते तथ्यों का अपने तरीके से प्रस्तुतिकरण करते हुए ग्रामीण जीवन शैली के पक्ष में फातिमा जेहरा और इसके विपरीत नगरीय जीवनशैली के पक्ष में मरियम ने तथ्य प्रस्तुत किये।
धर्म के सकारात्मक पक्ष पर बोलते हुए वंशिका ने कार्यक्रम को गति प्रदान की।
कार्यक्रम के अगले चरण में छात्राओं टिंकल शर्मा, आंचल चौहान और वंशिका द्वारा भारतीय एवं पाश्चात्य समाजशास्त्रीय विद्वानों के स्वनिर्मित चित्रों का प्रस्तुतिकरण किया।
वाद-विवाद विमर्श से विद्यार्थियों बढ़ती क्षमता
उक्त कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए समाज शास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० नवनीत विश्नोई ने कहा कि इस तरह की वाद-विवाद विमर्श से विद्यार्थियों में समाज में अपने विचारों को प्रस्तुत करने और स्थापित करने में मदद मिलेगी।
समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ० हरेंद्र कुमार ने वाद-विवाद विमर्श में सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषयों पर रचनात्मक बहस के महत्व पर प्रकाश डाला
तथा छात्राओं को दिए गए विषय पर अपने रचनात्मक विचारों को सामने रखने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
विचारणात्मक क्षमता में वृद्धि होती
कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० वीर वीरेंद्र सिंह ने इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों एवं वाद-विवाद विमर्श के आयोजनों से छात्र एवं छात्राओं में विषयगत ज्ञान के साथ-साथ सामाजिक विषयों के प्रति उनकी तार्किक, बौद्धिक एवं विचारणात्मक क्षमता में वृद्धि होती है, साथ ही उनमें आत्मविश्वास की भावना भी विकसित होती है। अंग्रेजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० राजन लाल ने कार्यक्रम में अपने विचार प्रस्तुत किये तथा छात्राओं को प्रोत्सहित भी किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागी छात्राओं को प्रमाणपत्र भी वितरित किये गए। संचालन कार्यक्रम के संयोजक असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० अनुराग कुमार पाण्डेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० सीमा सिंह ने ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम में समाजशास्त्र विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ० जितेंद्र कुमार, ज्ञानेश कुमार वर्मा, डॉ० पूनम वर्मा, डॉ० सीमा सिंह, सहित महाविद्यालय के अन्य विभागों के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं तथा काफी संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।