डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
इन्टरनेट के प्रभाव से विश्व की अधिकांश जनसंख्या प्रभावित है। परन्तु इसके प्रयोग से उत्पन्न होने वाले दुष्परिणामों से समाज का ताना-बाना टूटता जा रहा है। जो चिन्ता का कारण है।
नायाब अब्बासी पीजी कालेज में सेमिनार
नायाब अब्बासी पीजी कालेज अमरोहा में डीएलएड विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में शिक्षाविद एवं महाविद्यालय सचिव एम.असलम फारूक़ी ने व्यक्त किए। इन्टरनेट के प्रभाव, पर्यावरण व महिला शिक्षा विषयों पर आधारित इस सेमिनार में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इन्टरनेट से संचार क्रान्ति तो आई है परन्तु भावनाओं का अकाल पड़ गया है। विशेष रूप से नकारात्मक सूचनाओं को छोड़ सकारात्मक चिन्तन की तरफ ध्यान दिया जाए तो इन्टरनेट वरदान है।
परिवारों के टूटने का सिलसिला जारी
चीफ प्रॉक्टर डॉ. महताब अमरोहवी ने कहा कि इन्टरनेट के दुष्प्रभाव से परिवारों के टूटने का सिलसिला थम नहीं रहा, उसी के साथ अश्लील सामग्री से युवा वर्ग का नैतिक पतन हो रहा है जिसको रोका जाना बेहद ज़रूरी है। इस अवसर पर छात्रा शिवानी, सुमैय्या, राखी बहादुर सिंह, गुलिस्ताँ आदि छात्राओं ने इन्टरनेट के प्रभाव, महिला शिक्षा व पर्यावरण पर अपने-अपने पेपर पढ़े। डीएलएड विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता रानी गुप्ता ने कहा कि महिला शिक्षा से ही सभ्य समाज व सशक्त की परिकल्पना सम्भव है। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा के प्रसार व प्रगति के लिए सदैव प्रयासरत रहने की आवश्यकता है। प्राचार्या डॉ. लुबना हामिद ने कहा कि महिला शिक्षा ही राष्ट्र की धुरी है। किसी भी समाज की स्थिति का ज्ञान उस में महिलाओं की शिक्षा के स्तर से अनुमान लगाया जा सकता है।
सेमिनार में डॉ. रेशमा जै़दी, डॉ0 खिज़र हयात, डॉ0 तारिक़ अज़ीम, श्री इज़्ज़त अली ने भी अपने-अपने विचार रखे। कार्यक्रम में डॉ0 रूचि अग्रवाल, डॉ0 अंजलि पाठक, डॉ0 मुबारक अली, डॉ0 निक़हत नक़वी, दुर्दाना अकरम फारूक़ी, रूमाना आबिदी, उज़मा सैफी, अर्चना शर्मा, समेत अन्य विभागों के प्रवक्तागण व अन्य स्टाफ उपस्थित थे। सेमिनार का संचालन डी0एल0एड0 छात्रा नीतू गुर्जर ने किया।