Thursday, November 21, 2024
Home > प्रदेश > यूपी > अमरोहा > डिजिटल युग में मनुष्यता का अर्थ कहीं गुम ना हो जाए

डिजिटल युग में मनुष्यता का अर्थ कहीं गुम ना हो जाए

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)

अमरोहा जनपद और एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के सुप्रतिष्ठित महाविद्यालय, जगदीश सरन हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा में भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली द्वारा संपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन में देश के लगभग सभी राज्यों से प्रतिभागी शोधार्थी पहुंचे।
विदित हो इस संगोष्ठी में सर्बिया, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नाइजीरिया तथा इथोपिया आदि देशों के प्रतिभागी भी ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यमों से शिरकत की। दोपहर दो बजे से समापन सत्र के शुभारंभ में मंचासीन अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए। महाविद्यालय के प्राचार्य वीर वीरेंद्र सिंह व शिक्षकों द्वारा आगन्तुकों का माल्यार्पण अभिनन्दन किया। साक्षी, वंशिका व मनीषा तीन छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
न्यू स्टार्ट अप के लिए उद्यमिता और कौशल विकास

समापन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. प्रीती राय शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर,आई.एम.एस, नोएडा,,,, उपस्थित रही। आपने डिजिटल एजुकेशन एवं एम.एस.एम.ई के समन्वयात्मक रुप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि न्यू स्टार्ट अप के लिए उद्यमिता और कौशल विकास के कार्यक्रम की जानकारी होना जरूरी है। ऋण की सुविधा, आवेदन की प्रक्रिया और इसके प्रभावी प्रयोग के लिए डिजीटल शिक्षा में प्रवीण होना बहुत जरूरी है। आपने लॉकडाउन के पश्चात की परिस्थितियों पर बोलते हुए डिजिटल माध्यमों की उपयोगिता, भूमिका एवं नए-नए ऑनलाइन कोर्सेज के ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के इस युग में हमें ऑनलाइन उपलब्ध पाठ्य सामग्री में गुणवत्ता का परीक्षण अवश्य करते रहना चाहिए।
मुख्य वक्ता के रूप में मंचासीन सोशल वर्क विभाग, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र से पहले डॉ मिथलेश कुमार ने तकनीकी शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्र में गुणवत्ता युक्त पाठ्य सामग्रियों की उपलब्धता पर हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि हमें विद्यार्थियों को ई पाठशाला, स्वयं, मूक्स आदि से भी जोड़ना है, ताकि वे शिक्षा के समान अवसर को प्राप्त कर अपने जीवन को बेहतर कर सकें। डॉक्टर त्रिपाठी ने प्राचीन काल में गुरु द्रोणाचार्य से दूर रहकर भी एकलव्य द्वारा अर्जित किए गए ज्ञान को आधुनिक डिजिटल पद्धति से जोड़ते हुए कहा कि आज कम संसाधनों में भी विद्यार्थी गुरु के अनुभव एवं समृद्ध ज्ञान से जुड़ा रह सकता है।
डिजिटल माध्यमों का सदुपयोग करें

प्रो धर्मवीर महाजन, सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर समाजशास्त्र विभाग एन एस कॉलेज, मेरठ अपने लेखों व पुस्तकों आदि के लिए अकादमिक जगत में प्रसिद्ध है। आपने इस अवसर पर कहा कि मनुष्य जाति की विकास यात्रा के क्रम में आरंभिक काल की परंपरागत शिक्षा से लेकर डिजिटल डिवाइडर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक का सफर तय बहुत जीवट व संघर्ष के पूर्ण किया है। आपने कहा कि इस डिजिटल युग में मनुष्यता का अर्थ कहीं गुम ना हो जाए, हमारे सामने यह भी चुनौती है कि हम मानवता के गुण करुणा, सौहार्द आदि के प्रति भी सचेत रहें उन्हें सुरक्षित रखें। डिजिटल माध्यमों का सदुपयोग करें अपने जीवन में उन का समावेश समझदारी पूर्ण एवं जागरूक रहते हुए करें।
प्राचार्य डॉ वीर वीरेंद्र सिंह ने धन्यवाद प्रेषण करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के लिए डिग्रियों से ज्यादा कौशल अधिक महत्वपूर्ण है। हमें देश के विकास में सहभागी बन रोजगार के लिए भटकने वाला नहीं अपितु रोजगार देने वाला युवा बनना है। कार्यक्रम का सफल संचालन संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अनुराग पांडे के द्वारा किया गया।
डिजिटल माध्यमों के प्रति जागरूकता जरूरी

प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर रहे राजऋषि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ बीएन सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्राचीन परंपराओं का आधुनिक तकनीकी से समन्वय स्थापित करना अनिवार्य है । उन्होंने प्रत्येक स्थान पर सदा सर्वदा उपलब्ध डिजिटल माध्यमों को सुखद शैक्षिक परिणामों के लिए सबसे सफल माध्यम बताते हुए समाज को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया, साथ ही बताया कि इसके नकारात्मक एवं कतिपय दुष्परिणामों के प्रति भी हमें जागरूक रहना है, और समाज को जागरूक करना है।
डिजिटल एजुकेशन अनिवार्य आवश्यकता

सत्र की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश महाविद्यालय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष डॉ अजीत सिंह ने कहा के डिजिटल एजुकेशन वर्तमान समय की अनिवार्य आवश्यकता और बुराई है। इसके प्रयोग करने वाले को इनमें से स्वयं चयन करना होगा प्रयोग के बाद ही हम स्वयं इसकी सुविधाओं को समझ पाएंगे। सत्र का कुशल संचालन डॉ मनन कौशल ने किया अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ गौरव सिंह ने किया। परिसंवाद सत्र मे विषय विशेषज्ञ के तौर पर पंकज उपाध्याय डॉ एसएस यादव एवं अध्यक्ष के रूप में डॉ रंजीत सिंह उपस्थित रहे डॉ पंकज उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में डिजिटल एजुकेशन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए और आपने इसे वर्तमान की आवश्यकता और सुदूर नीति के रूप में परिलक्षित किया। डॉ एसएस यादव अपने विचार व्यक्त करते हुए इसके पक्ष और विपक्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा की एक सीमित परिपेक्ष में ही डिजिटल एजुकेशन उपयोगी साबित हो सकती है। अधिकता की दिशा में यह मनुष्य को मशीन बनने की ओर प्रवृत्त करेगी। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में रंजीत सिंह एसोसिएट प्रोफेसर अप्लाइड इकोनॉमिक्स लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ में बड़े ही सारगर्भित तरीके से बताया की डिजिटल एजुकेशन से हम सुविधाएं प्राप्त करें। अपने ज्ञानार्जन और जानकारी को समृद्ध करें। उसके नकारात्मक पक्षों से दूरी बना कर रहें।
इस सिंपोजियम सत्र में जया तिवारी द्वारा भारतीय शिक्षा प्रणाली के परंपरागत और आधुनिक तरीकों के तुलनात्मक अध्ययन पर अपना शोध पत्र भी पढ़ा गया। तत्पश्चात प्रश्न उत्तर का सबसे जीवंत परिदृश्य इसी सत्र में देखने को मिला जिसमें जिज्ञासु शिक्षकों के द्वारा पंकज उपाध्याय से अन्य अनेक प्रश्न किए गए जिसका उन्होंने अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार प्रत्युत्तर भी दिया और साथ ही आपने कहा कि वह कोई सरकारी प्रतिनिधि नहीं है वह एक विषय विशेषज्ञ के तौर पर वैचारिक मंथन को फलीभूत करना चाहते थे जो पूरी तरह कामयाब रहा।
70 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए

इसके अतिरिक्त 3 वर्चुअल मोड में भी तकनीकी सत्र चलाए गए जिनमें ऑनलाइन शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए जिनका कुशल संचालन डॉ ज्ञानेश कुमार डॉ राजन लाल डॉक्टर मोहम्मद तारिक द्वारा किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉक्टर नवनीत विश्नोई के द्वारा किया गया और स्वागत और अभिवादन डॉ मनन कौशल के द्वारा ज्ञापित किया गया।
आज संपूर्ण दिवस में लगभग 70 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और संपूर्ण समारोह में लगभग 200 से अधिक व्यक्ति मौजूद रहे।

Print Friendly, PDF & Email
Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
https://www.sunshinenews.in