डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि नोडल अधिकारी द्वारा बच्चों की उपस्थिति प्रतिदिन समर्थ पोर्टल पर दर्ज कराई जाएं इसमें कोई भी लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
कलेक्ट्रेट सभागार में समावेशी शिक्षा कार्यशाला
30 दिसंबर को जिलाधिकारी बाल कृष्ण त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी व मुख्य विकास अधिकारी चंद्रशेखर शुक्ल ने मां सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
प्रधानाध्यापक को नोडल टीचर नामित किया
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गीता वर्मा ने दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्यालय स्तर पर दिव्यांग बच्चों की समावेशी शिक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को नोडल टीचर नामित किया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विकलांग बच्चों के समावेशी विकास के लिए प्रारंभ किए गए समर्थ एप्लीकेशन के संबंध में जिला समन्वयक समेकित शिक्षा प्रशांत कुमार द्वारा विधिवत जानकारी दी गई । जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अध्यापक समर्थ एप्लीकेशन अवश्य डाउनलोड कर ले और उसी एप्लीकेशन के आधार पर विकलांग बच्चों का चिन्हीकरण पंजीकरण और उनसे संबंधित आवश्यक बिंदुओं को अपडेट करते रहे ।
ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा
जिलाधिकारी ने कहा कि नोडल अधिकारी द्वारा बच्चों की उपस्थिति प्रतिदिन समर्थ पोर्टल पर दर्ज कराई जाएं इसमें कोई भी लापरवाही नहीं की जानी चाहिए । कहा की दिव्यांग बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति की समीक्षा समर्थ पोर्टल में दर्ज करने की समीक्षा भी इस समय समय पर की जानी चाहिए कहा कि अधिक से अधिक दिव्यांग बच्चों का चिन्हाकन कराकर उनका पंजीकरण कराया जाए । कहा कि जिले में अब तक 3588 दिव्यांग बच्चों का चिन्हीकरण किया गया है जो काफी कम है ।
विकलांग बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं होने चाहिए
डीएम ने कहा कि गंभीरता के साथ अधिक से अधिक टीमें लगाकर विकलांग बच्चों का चिन्हाकन कर पंजीकरण कराकर उन्हे समावेशी शिक्षा से जोड़ा जाए। किसी भी स्थिति में विकलांग बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं होने चाहिए उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही निशुल्क शिक्षा का लाभ व सेवा का लाभ मिलना चाहिए ताकि वह भी समान बच्चों की तरह शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य उज्जवल कर जीवन यापन कर सकें । जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद का हर एक बच्चा शिक्षित होगा। गंभीर दिव्यांग बच्चे भी शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगे। उन्हें घर पर ही शिक्षा और इसके लिए सारी सुविधाएं मिलेंगी। कहा कि सरकार द्वारा पहली बार यह व्यवस्था शुरू की गई है इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने ‘समर्थ’ नाम से मोबाइल एप विकसित किया है।
कार्यशाला में मौजूद रहे
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ल जिला विद्यालय निरीक्षक वीपी सिंह, परियोजना निदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी, बीईओ, डीसी, एसआरजी, एआरपी, स्पेशल एजूकेटर्स आदि मौजूद रहे। संचालन सैयद सईद रजा ने किया।