डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल की ड्रेस में शामिल स्वेटर पहने लापता हुई करीब 7 साल आयुवर्ग की बच्ची जो जोया ब्लाक के गांव सरकड़ी अजीज में मिली उसे उसके पिता अपने साथ ले गए। वह दरियापुर गांव की है। सनशाइन न्यूज में छपी खबर लड़की को उसके परिजनों से मिलाने का माध्यम बनी।
गौरतलब है कि अमरोहा जिले के जोया ब्लाक के सरकड़ी अजीज गांव निवासी और संविलियन विद्यालय इंकौदा में शिक्षिका ईशा चौधरी ने बताया था कि 24 फरवरी को देर शाम रोते हुए एक बच्ची ग्रामीणों को मिली है। वह कुछ बता नहीं पा रही हैं। बच्ची ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल की ड्रेस मंे शामिल स्वेटर पहन रखा है। हो सकता है कि वह क्षेत्र के किसी परिषदीय स्कूल में पढ़ती हो। फिलहाल ग्रामीण आसपास के गांव में पता करने मंे जुटे हैं बच्ची के संबंध में धार्मिक स्थलों से अलाउसमंेट भी कराया गया था। बच्ची को गांव में ही मोनू चौधरी के घर पर रखा गया था।
सन शाइन न्यूज में प्रकाशित खबर पढ़ने के बाद मेरे पास संविलियन विद्यालय दरियापुर की शिक्षिका नीतू का फोन आया कि सनशाइन न्यूज में प्रकाशित खबर मंे जिस बच्ची का फोटो है वह हमारे स्कूल में पढ़ती है। उन्होंने मुझे हेडमास्टर असलम हुसैन का नंबर दिया। असलम हुसैन ने स्कूल के शिक्षामित्र मकसूद से बात करने के लिया कहा जो कि दरियापुर मंे ही रहते हैं। फिर मैंने मकसूद से वार्ता की। उन्होंने बताया कि लड़की उनके ही स्कूल में कक्षा दो में पढ़ती है और उसका नाम फबी है। वह कई दिन से स्कूल नहीं आ रही है। वह गांव निवासी जफर की बेटी है जो गूंगा है और लड़की मंदबु़िद्ध है।
उसने बताया कि उसके परिजन गांव सरकड़ी अजीज जाकर रात लड़की को ले आएं हैं। मकसूद ने बताया कि लड़की की मां अपने मायके जोया ब्लाक के गांव हाजीपुर गई हैं और बच्चों को घर पर ही छोड़ गई। फबी अपनी मां के पीछे-पीछे भटकती हुई सरकड़ी अजीज पहुंच गई।
उधर सरकड़ी अजीज गांव निवासी शिक्षिका ईशा चौधरी ने बताया कि लड़की के परिजन उसे ले गए हैं 112 नंबर पर डायल कर पुलिस को बुलाया गया और उनके माध्यम से लड़की को उसके परिजनों को दिया गया। उन्होंने खबर प्रकाशन के लिए सनशाइन न्यूज का आभार व्यक्त किया। जिस वजह से एक लड़की अपने परिजनों से मिली। सरकड़ी अजीज के ग्रामीणों का सहयोग भी सराहनीय रहा।
लड़की को उसके परिजनों से मिलाने में और सनशाइन न्यूज को फोटो व जानकारी उपलब्ध कराने में शिक्षिका ईशा चौधरी का प्रयास सराहनीय हैं। साथ ही शिक्षिका नीतू और शिक्षामित्र मकसूद का प्रयास भी सरहनीय है।