डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
नवागत मुख्य विकास अधिकारी अवधेश सिंह ने कहा कि गौवंश के संरक्षण की दिशा में काम करना, खेल के मैदान, इमारती लकड़ी व फलदार, किसान उपयोगी व हितैषी और स्थानीय भूमि के अनुसार वृक्षारोपण उनकी प्राथमिकता में शामिल हैं।
27 मार्च को विकास भवन के पटेल सभागार में पत्रकारों से परिचात्मक मुलाकात में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। 1994 में झांसी से बीडीओ के पद से अपनी नौकरी का शुभारंभ करने वाले अवधेश सिंह को पहली बार अमरोहा में सीडीओ के पद पर कार्य करने का मौका मिला है। अमरोहा में नियुक्ति से पहले वह लखनऊ में ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर सेवारत थे।
जनपद फिरोजाबाद की तहसील शिकोहाबाद क्षेत्र के गांव निवासी अवधेश सिंह सूबे के विभिन्न जनपदों में बीडीओ के पद पर सेवा करने के बाद पीडी गौतमबुध नगर, जिला विकास अधिकारी हाथरस और गाजियाबाद में रहे है। उनकी नौकरी का लंबा समय बुंदेलखंड में बीता है इसीलिए उन्होंने पानी की किल्लत और महत्व को बहुत नजदीक से समझा है।
उन्होंने बड़े ही आदर के साथ पूर्व वरिष्ठ आईएएस स्व.कालका प्रसाद की पुस्तक खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में का उल्लेख करते हुए पानी की कीमत को बयां किया। उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे रहने वाले लोगांे को पानी की कीमत का उतना अहसास नहीं होता है जितना सुदूर क्षेत्र के लोगांे को होता हैं। उन्होंने कहा कि हम सब को पानी के महत्व को समझते हुए उसके संरक्षण के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गौवंश का संरक्षण शासन और प्रशासन दोनों की कार्ययोजना में शािमल हैं मंडलायुक्त और जिलाधिकारी का भी इस पर विशेष ध्यान है। सीडीओ ने बताया कि उन्होंने हाथरस में रहते हुए एक उल्लेखनीय गौशाला का निर्माण कराया है जो कि गौवंश के संरक्षण में मील का पत्थर साबित हो रही है। जनपद अमरोहा में गौवंश के संरक्षण और गौशाला निर्माण में काफी काम हुआ है अब उनकी प्राथमिकता इस दिशा में सार्थक प्रयास करने की है।