डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
मातृ शक्ति अमरोहा की ओर से समलैंगिक विवाह के संबंध में बनाए जा रहे कानून के प्रति असहमति के संबंध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी को दिया।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि भारत में विवाह का एक सभ्यता गत महत्व है। यह कानून विवाह संस्था को कमजोर कर सकता है । भारतीय संस्कृति के हित में यह कानून नहीं बनना चाहिए। विवाह एक सामाजिक कानूनी संस्था है जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 के अंतर्गत सक्षम विधायिका द्वारा अपनी शक्ति का प्रयोग कर बनाया है उसे कानूनी रूप से मान्यता प्रदान की और विनियमित किया गया है । विवाह जैसे मानवीय संबंधों की मान्यता अनिवार्य रूप से विधायिका का कार्य है। न्यायालय विवाह नामक संस्था को न्यायालयीन व्याख्या से विधायिका द्वारा दिए गए विवाह संस्था के मूर्त स्वरूप को न तो नष्ट कर सकती है और नहीं नवीन रूप बना सकती है और नहीं मान्यता दे सकती है। समिति ने नगर के नागरिकों के बीच हस्ताक्षर अभियान के द्वारा इस विषय पर सम्मति बनाने का प्रयास किया है विभिन्न संगठनों ने अपनी सहमति व सहयोग प्रदान किया है। इस अवसर पर सरोज बाला, डॉ बीना रुस्तगी, रीना माथुर, शिखा माहेश्वरी आदि उपस्थित रहे।