डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता। एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों……….दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियों को अमरोहा के सुभाष सिंह ने चरितार्थ कर दिखाया है। बचपन में ही माता-पिता का साया छिन जाने के बाद मजदूरी कर पढ़ाई पूरी की और कड़ा संघर्ष करते हुए अब एनसीईआरटी दिल्ली में प्रोफेसर बन अपने शहर और गांव का नाम रोशन किया।
डॉ. सुभाष सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के जिला अमरोहा के गफ्फारपुर गाँव में हुआ। बचपन में माता- पिता का स्वर्गवास और गरीबी के कारण, इनको अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा। मन में पढ़ने की अत्याधिक लालसा थी इसलिए इन्होंने मेहनत- मजदूरी करके अपनी पढाई को जारी रखने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि 1998 में अमरोहा के ही जगदीश शरण हिन्दू इंटर कालेज से हाई स्कूल और अब्दुल करीम खा इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। आर्थिक संकट होने कारण कई प्राइवेट स्कूलों में शिक्षण एवं ट्यूशन करके अपनी शिक्षा को जारी रखा। 2004 में, अमरोहा के ही जगदीश शरण हिन्दू डिग्री कॉलेज से इतिहास और राजनीति विज्ञान विषयों में बी ए (प्राइवेट), और 2006 में एमए. (राजनीति विज्ञान) की परीक्षायें प्रथम श्रेणी में पास की।
पढ़ने की अत्याधिक रूचि के कारण 2007 में देश के विश्व प्रसिद्ध जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय ( जेएनयू) में एम.फिल में प्रवेश लिया। तत्पश्चात जेएनयू के ही अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान से ‘हमास एंड फतहरू द स्ट्रगल फॉर पॉवर इन पलेस्तीनियन पॉलिटिक्स, 1998- 2010’ (हमास और फतहरू फिलिस्तीनी राजनीति में सत्ता के लिए संघर्ष, 1998-2010) विषय पर अपना पी.एच.डी का शोध पूर्ण किया। इन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नेट-जे आर. एफ की परीक्षा भी पास की। शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए इन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी.) एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा अनेक छात्रवृत्तियां प्रदान की गई।
सुभाष ने बताया कि जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय ( जेएनयू. ) से “ राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत इजराइल संबंध- वाजपेयी से मोदी तक”, विषय पर पोस्ट डॉकतोरल (डी-लिट्) रिपोर्ट जमा की, जिसको विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने आर्थिक सहायता प्रदान की। 4 पुस्तकें एवं अनेक लेख लिखे जोकि देश विदेश की प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। इनकी एक पुस्तक जिसका शीर्षक, ‘द सेकंड पार्टीशन ऑफ़ पलेस्टाइन’ (फिलिस्तीन का दूसरा विभाजन), रोत्लेज, लंदन और न्यूयॉर्क से 2021 में प्रकाशित हुई हैं। हाल ही में इनका चयन भारत सरकार की विश्वप्रसिद्ध संस्था, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) में असिस्टेंट प्रोफेसर (राजपत्रित अधिकारी) पद के लिए हुआ जोकि सम्पूर्ण भारत में एक ही पद था। अब ये भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जोकि अमरोहा जनपद के लिए अत्यंत गौरव का विषय हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय ईश्वर, माता- पिता, गुरुजनों, शुभचिंतको, एवं अपने परिवार वालों को दिया हैं, और साथ ही वह स्वामी विवेकानंद, डॉ. अम्बेडकर और भगत सिंह को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं, क्योंकि इन महापुरुषों ने इन्हें सदैव सघर्ष करने और कभी न हारने की प्रेरणा दी।