डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश/भारत (सनशाइन न्यूज)
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद अमरोहा के विकास खंड गंगेश्वरी के प्राथमिक विद्यालय पतेई खादर में तैनात अध्यापक गौरव नागर ने इंसानियत की मिशाल पेश की है। उन्होंने अपने ही विद्यालय में पढ़ने वाले दो अनाथ बच्चों और दो दिव्यांग बच्चों को गोद लिया है। उनकी कक्षा बारह तक की पढ़ाई एवं अन्य खर्चा उठाने का संकल्प लिया है।
शिवा और आशीष माता-पिता विहीन
प्राथमिक विद्यालय पतेई खादर में शिवा कक्षा पांच और उसका छोटा भाई आशीष कक्षा चार में पढ़ता है। दोनों बच्चों के पिता सतपाल सिंह और माता कविता की करीब आठ साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। तभी से दोनों अनाथ हो गए थे। हालांकि बच्चों को संभालने के लिए कविता की छोटी बहन सोनिका ने जिम्मेदारी उठाने का प्रयास किया। दोनों बच्चे गांव में ही अपनी मौसी के साथ रहते हैं।
प्रिंस व रिशांत दिव्यांग
उधर, गांव निवासी प्रिंस दिव्यांग है। प्रिंस कक्षा चार में पढ़ता है। प्रिंस कुछ भी बोल नहीं पाता है। वह दूसरों बच्चों को अपेक्षा काफी दुबला है। पिता इंदर सिंह मजदूरी करते हैं जबकि मां मीना स्कूल में रसोईया का काम करती है। इसी गांव में कक्षा तीन का छात्र रिशांत आंखों से कमजोर है। जन्म से ही उसे कम दिखाई देता है। लेकिन पढ़ने में होशियार है। रिशांत के पिता राम किशोर मजदूरी करते हैं। इन चारों बच्चों को रविवार को विद्यालय के अध्यापक एवं प्राथमिक शिक्षक संघ गंगेश्वरी के ब्लॉक उपाध्यक्ष गौरव नागर ने उनके घर पहुंचकर गोद लेने का संकल्प लिया। बच्चों को शिक्षण सामग्री, वस्त्र, फल, आई फ्लू से बचने के लिए चश्मे दिए । गौरव नागर ने बताया कि बच्चों की इंटर तक की पढ़ाई का खर्चा उठाने का संकल्प लिया है।