डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/सनशाइन न्यूज (उत्तर प्रदेश)
जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी ने कहा ज्ञान जितना भी बांटा जाएगा उतना ही बढ़ेगा और बच्चों में अधिक से अधिक ज्ञान देने के लिए उचित कदम अवश्य उठाएं। उन्होंने कहा कि कुशल अध्यापकों की अपने विषय की वीडियो के बनाने के लिये कार्य योजना बनाएं और उक्त कार्य को धरातल पर उतारे।
एसपीसी जनपदीय अनुश्रवण समिति
एक सितंबर को जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में स्टूडेंन्ट पुलिस कैडेट (एसपीसी) प्रोग्राम की जनपदीय अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होनें कहा कि जनपद में एसपीसी कार्यक्रम के संबंध में प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में जनपद में अनुश्रवण समिति के सभी सदस्यों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी और बैठक में जनपद के प्रत्येक माध्यमिक तथा बेसिक शिक्षा विद्यालय में एसपीसी कार्यक्रम के आयोजन की समीक्षा भी की जाएगी और एसपीसी कार्यक्रम के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं पर प्रत्येक अधिकारी से फीडबैक प्राप्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस समिति के प्रमुख उद्देश्य बच्चों एवं नवयुवको में ड्रग एब्यूज, बाल यौनाचार तथा अन्य गम्भीर अपराध एवं बुराईयों के प्रति किशोरावस्था के विद्यार्थियों में जागरूकता पैदा कर इनकी रोकथाम करने तथा छात्र/छात्राओें को सुरक्षा और शान्ति के प्रति जागरूक कर उनमें आत्मबल पैदा करने के उद्देश्य से एसपीसी योजना के क्रियान्वयन हेतु गठन किया गया है।
निपुण और कुशल अध्यापक से बनवाएं वीडियो
जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित कि जनपद के स्कूलों में किसी न किसी विषय में जैसे-अंग्रेजी, गणित, विज्ञान आदि में निपुण और कुशल अध्यापक अवश्य हैं, उनकी अपने विषय की एक वीडियो बनाकर जिसमें वह अपने से सम्बधित विषय की जानकारी दे रहे हो उसके माध्यम से बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करायें। वीडियो बनाकर अभिभावकों के व्हाट्सएप पर प्रेषित करें और विद्यालयों में उसकी अतिरिक्त आनॅलाईन कक्षा के रूप में दिखाई जाये ताकि बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लाभ प्राप्त हो सके। और जनपद के बच्चों को लाभ प्राप्त हो सके।
जिलाधिकारी ने कहा विद्यालय में अच्छी गोष्ठी का आयोजन करें जिसमें जानकारी बच्चों को दी जाए और बच्चों को उसका लाभ मिले।
एसपीसी को 24 विद्यालय चयनित
क्षेत्राधिकारी अमरोहा विजय राना द्वारा जानकारी दी गई कि जनपद अमरोहा में एसपीसी कार्यक्रम के अंतर्गत 24 विद्यालय चयनित हैं और समिति द्वारा विद्यालय में जाकर किशोरावस्था में आने वाली बुराइयां, विकारों आदि को दूर करने, आत्मरक्षा से संबंधित, पुलिस से संबंधित धाराओं की जानकारी, अपने अधिकार के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक के अलग-अलग दायित्व हैं। थाने पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त है और समय-समय पर गोष्ठी का निरीक्षण भी किया जाता है। इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक वीपी सिंह, प्रधानाचार्य दिनेश चिकारा, स्नेहलता वर्मा पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।