डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/सनशाइन न्यूज (उत्तर प्रदेश)
शिक्षक दिवस पर शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से शिक्षकों के महत्व को इंगित किया हैं। पेश हैं चुनींदा रचनाएंः
चल गुरुओं के चरण पखारे
शिक्षक दिवस अवसर पर, गुरुदेव तुम्हें प्रणाम।
चन्द्रमा पर झंडा फहराया, उड़ा दिया चन्द्रयान।।
शिखर चढ़ाया भारत मेरा, किया जगत में नाम।
कितनी कक्षाओं की कक्षा में, शिक्षक तेरा काम।।
चला रहा है कलम आज, निर्बल, निर्धन अज्ञानी।
ऊंचाई तक पहुंचा प्राणी, शिक्षक दया मेहरबानी।
आओ मिलकर नमन करें, चल गुरूओं के चरण पखारें।
आशीष मिले जो हमको, ष्शिवष् चरणामृत शीश चढालें।।
प्रजापति श्योनाथ सिंह शिव
अमरोहा,उ.प्र.
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मैं ख़ुश हूं कि शिक्षक हूं
उड़ना सिखाती हूं।
भटके हुए नौनिहालों को
मंजिल पर पहुंचाती हूं।
ख़ुद पढ़ती हूं अपने शिष्यों को
पहले भली भांति।
फ़िर उन्हें धीरे -धीरे स्वयं को
पढ़ना सिखाती हूं।
कैसे सहेजकर रखती हूं गुण सारे ,
अवगुणों को सचमुच विलुप्त
करना सिखाती हूं।
मैं ख़ुश हूं कि शिक्षक हूं,
अतीत के
गलियारों से निकल
मैं भविष्य का सुंदर घरौंदा
सजाना सिखाती हूं।
मैं नन्हें से बीज को
विशाल वृक्ष बनाती हूं।
मैं नए परिंदों को
उड़ना सिखाती हूं।
रेखा रानी
कंपोजिट स्कूल गजरौला
जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश।
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सदा करती नमन
सही क्या है गलत क्या है सदा ही ये बताते हैं
तपाकर आग में हमको खरा सोना बनाते हैं
जलाकर ज्ञान की बाती प्रकाशित राह जो करते
दिखाते लक्ष्य जीवन का वही शिक्षक कहाते हैं
सदा करती नमन उनको रहे जो गुरु हमारे हैं
दिये गुरु-मंत्र उनके ही हृदय में हम उतारे हैं
बढ़े हैं लक्ष्य को जब-जब तभी तो जान पाये हम
छिपे सद्ज्ञान में ही ज़िन्दगी के तत्व सारे हैं
बुझी लौ जब कभी मन की हवाओं में जलाया है
बनाकर ज्ञान-रंगोली हृदय-आँगन सजाया है
निराशा ने कभी घेरा, लगा जीवन अँधेरे में
हमारे वास्ते गुरु ने नया सूरज उगाया है
प्रीति चौधरी प्रीत
राजकीय बालिका इण्टर कालेज हसनपुर
बचपन में प्राण भरते
सभी राष्ट्र निर्माताओं को समर्पित
कोरे कागज रूपी बचपन में प्राण भरते हैं
शिक्षक
बच्चों के जीवन को शुद्ध, साधारण और संपन्न करते हैं शिक्षक
जादुई कहानी सुनाते ,बच्चों के संग बच्चे हो जाते हैं ,
श्यामपट पर चॉक से नया जीवन गढ़तें हैं शिक्षक
कांपते हाथों में पहले पहल अक्षर थमाते हैं शिक्षक
बचपन में देखे सपनों को पूरा करवाते हैं शिक्षक
नदी ,पहाड़ ,अक्षर और बिंदु समझाते समझाते,
बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट पाकर अपने जीवन का उद्देश्य पाते हैं शिक्षक।
गौरव धारीवाल
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर
विकास खंड – गजरौला,
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