Thursday, November 21, 2024
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माताओं ने अहोई अष्टमी पर पुत्रों की दीर्घायु को रखा निर्जल व्रत’

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)

अहोई अष्टमी के अवसर पर माताओं ने संतान की दीर्घायु तथा सुख समृद्धि के लिए निर्जल व्रत रखकर तारों की पूजा अर्चना करके व्रत को खोला।
उल्लेखनीय है कि यह व्रत करवा चौथ से चार दिन पश्चात और दीपावली से एक सप्ताह पूर्व आता है । कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माताएं संतान की प्राप्ति और विशेष कर पुत्रवती महिलाएं उसकी दीर्घायु व सुख समृद्धि के लिए माता अहोई अष्टमी का व्रत रखती है और शाम को तारे निकलने पर तारों को देखकर अर्ध देकर व्रत खोलती हैं। प्राचीन कथा के अनुसार एक नगर में साहूकार रहता था जिसके सात पुत्र एवं और सात बहुएं व एक पुत्री थी । दीपावली से पहले कार्तिक बदी अष्टमी को सातों बहुएं अपनी इकलौती ननंद के साथ जंगल में मिट्टी खोदने गई । मिट्टी खोदते समय ननंद के हाथ से सेही का एक बच्चा मर गया । स्याऊ माता बोली कि अब मैं तेरी कोख बांधूंगी। तब ननंद अपनी सातों भाभियों से बोली कि तुम मेरे बदले कोई अपनी कोख बंधवा लो। तब भाभियों ने कोख बंधवाने से साफ इनकार कर दिया परंतु छोटी भाभी सोचने लगी कि यदि मैं कोख नहीं बंधवाऊगी तो सासु जी नाराज होंगी। ऐसा विचार कर ननंद के बदले छोटी भाभी ने अपनी कोख बंधवाली । इसके बाद उसके जो लड़का होता वह 7 दिन बाद मर जाता। एक दिन उसने पंडित जी को बुलाकर पूछा मेरी संतानें सातवें दिन क्यों मर जाती है ? तब पंडित जी ने कहा कि तुम सुरही गाय की पूजा किया करो । सुरही गए स्याऊ माता को भायली है । वह कोख छोड़ें तब तेरा बच्चा जीएगा । इसके बाद से वह बहू प्रातःकाल जल्दी उठकर चुपचाप सुरही गाय की सेवा करने लगी गौ माता बोलीं क्या मांगती है मांग साहूकार की बहू बोली स्याऊ माता तुम्हारी भायली है और उसने मेरी कोख बंद रखी है सो मेरी को खुलवा दो गौ माता सात समुद्र पार अपनी भायली के पास उसको लेकर पहुंची । स्याऊ माता उन्हें देखकर बोली कि ऐ बहन बहुत दिनों में आई है मेरे सिर में जूं पड़ रही है । तब स्याऊ के कहने पर साहूकार की बहू ने सलाई से उसकी जूंए निकाल दी। इस पर स्याऊ माता ने प्रसन्न होकर उसे सात पुत्र और सात बहुएं होने का आशीर्वाद दिया। स्याऊ माता ने कृपा करके जिस प्रकार उस साहूकार की बहू की कोख खोली इसी प्रकार समस्त माताओं की कोख खोलें । तभी से अहोई अष्टमी के नाम से यह व्रत रखने का प्रचलन है ।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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