डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
बेसिक शिक्षा परिषद अमरोहा की शिक्षिका मीनू पंवार की संदिग्ध मौत सवालांे के घेरों में है। लेकिन यकीयन उनकी मौत बेसिक शिक्षा परिषद और समाज के लिए बड़ी क्षति है। वह उन होनहार शिक्षिकाओं में शामिल थी जिन पर बेसिक शिक्षा परिषद नाज करता है।
मीनू पंवार ने 2015 में पीलीभीत के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में शिक्षिका की नौकरी ज्वाइन की थी। 6 माह बाद ही गणित-विज्ञान शिक्षक के रूप में चयन होने पर उच्च प्राथमिक विद्यालय में नियुक्ति हेतु अमरोहा आ गई। इन दिनों वह धनौरा ब्लाक के संविलियन विद्यालय वाजिदपुर में विज्ञान शिक्षिका के पद पर सेवारत थीं। वह विभिन्न कार्यक्रमों का कुशल संचालन करती थीं। अपनी मेहनत के बल पर ही उन्होंने राज्य स्तर तक पहचान कायम की थी।
4 दिसंबर को जब मुझे जानकारी मिली कि शिक्षिका मीनू पंवार की मौत हो गई तो मैं हतप्रभ रह गया। फिर मुझे दोपहर 12 बजे प्राथमिक विद्यालय तिगरी के हेडमास्टर जोगिंद्र सिंह ने बताया कि आज सुबह रीता यादव गजरौला टीचर्स कालेनी स्थित मीनू पंवार के आवास पर उन्हें अमरोहा जिला स्तरीय खेलों मंे साथ ले जाने के लिए गई तो किवाड़ नहीं खोला। फोन पर भी कोई रेस्पॉस नहीं मिला। शक होने पर अन्य लोग एकत्रित हुए। फिर पुलिस को बुलाया गया तो अंदर कमरे में वह मृत मिली।
गौरतलब है कि पिछले दिनों उन्हें जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी ने मिशन शक्ति के तहत आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया था। उस वक्त आवास विकास कालेनी प्रथम के सामने मीनू पंवार से मेरी मुलाकात हुई थी। उन्होंने बताया कि- ‘पहले मिशन शक्ति के कार्यक्रम में गई थी, जहाँ डीएम सर ने सम्मानित किया। फिर आवास विकास कालोनी में एक रिश्तेदार बीमार थे उन्हें देखने आई थी। वैसे समय नहीं मिल पाता है इसलिए आज समय निकाला।’ मिशन शक्ति के तहत अमरोहा में उनका यह अंतिम सम्मान ही माना जाएगा।
लखनऊ में भी शिक्षा निदेशालय और एस.सी.ई.आर.टी. में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में उन्हें कई बार सम्मानित किया गया था। वह लखनऊ से मुझे नियमित सनशाइन न्यूज पोर्टल में खबरों को प्रकाशित करने के लिए भेजती थीं। उन्हंे 29 अक्टूबर को लखनऊ में रानी लक्ष्मी बाई इंटर कॉलेज में राष्ट्रीय आय छात्रवृत्ति परीक्षा में नोडल के रूप में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया था। जिसकी खबर व फोटो उन्होंने मुझे लखनऊ से भेजी थी। लखनऊ में उनका यही आखिरी सम्मान था।
उनका निधन वास्तव में शिक्षा विभाग के साथ-साथ समाज के निचले उस तबके के लिए बड़ी क्षति है जिनके बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ते हैं।
बीएसए मोनिका ने मीनू पंवार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह विभाग की स्टार टीचर थी।