डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
कुंडलिया छंद
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अवसर है मतदान का,मत जाना तुम भूल,
मत देना अधिकार है,संविधान का मूल
संविधान का मूल, ज़रा न तुम घबराना,
पहले हो मतदान, बाद में खाना -दाना ।
लोकतंत्र का पर्व,मनाओ इसको मिलकर,
पाँच बरस के बाद , मिले फिर ऐसा अवसर।
मीनाक्षी ठाकुर, स. अ. उ. प्रा.वि. ढकिया चमन
ब्लॉक जोया,अमरोहा
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🌱मतदान🌱
जात -पात का व्यूह
तोड़कर,
रिश्ते -नातों का मोह
छोड़कर।
भाई – भतीजा नेह
तोड़कर,
देशप्रेम से डोर
जोड़कर।
भावी पीढ़ी का स्नेह
ओढ़कर
हमें मतदान करना
और कराना है ।
प्यारे भारत को फिर
विश्वगुरू बनाना है।।
बड़े बड़े सपने
दिखायेंगे,
झूठे झूठे जुमलें
सुनायेंगे।
धर्म की चाप
चढायेगें ,
नफरत की आग
लगायेंगे।
पर विवेक अपना
जगाकर ,
ज्ञान व कौशल
लगाकर ।
आगामी वक्त की
शिखा जलाकर,
हमें मतदान करना
और कराना है ।
प्यारे भारत को
विश्वगुरू बनाना है ।
मत को व्यर्थ
गंवाना नही ,
लोभ लालच में
आना नही ।
राग- द्वेष बिल्कुल
अपनाना नही,
धन बल छल से
घबराना नही ।
असत्य धारा में
बह जाना नही ,
बीता हुआ कल
दोहराना नही ।
मन के सारे कलुश
मिटाकर,
केवल जय का
मार्ग दिखाकर ।
हमे मतदान करना
और कराना है ।
प्यारे भारत को
विश्वगुरू बनाना है।।
सीमा रानी
संविलियन विद्यालय पचोकरा जोया ।
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’अपना फर्ज़ निभाना है’
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लोकतंत्र का अब तो हम को, सारा क़र्ज़ चुकाना है।
वोट डालकर हर क़ीमत पर, अपना फ़र्ज़ निभाना है।।
लोकतंत्र में सुन लो एक एक,वोट की क़ीमत होती है।
यही हमारा आज है और ये, कल की ज़ीनत होती है।।
ठान लें मिलकर सारे अब तो, बीड़ा यही उठाना है।
वोट के प्रति घर घर जाकर, सबको यूं ही जगाना है।।
वोटिंग होती जिस दिन हम तो, छुट्टी सदा मनाते हैं।
पकड़ के माथा वर्षों तक, फिर शिकवे यूंही सुनाते हैं।।
भूल नहीं करनी अब हमको, नाहीं हमें पछताना है।
वोट करेंगे सबसे पहले, फिर बाद में खाना खाना है।।
सागर की लहरों सा अब तो, एक सैलाब उठाना है।
वोट करेगा हर नर नारी, सब को यही बताना है।।
मरग़ूब अमरोही