डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
जिला विद्यालय निरीक्षक वीपी सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता मनु शर्मा एडवोकेट की शिकायत पर जनपद के समस्त प्राइवेट विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्याे को पत्र जारी कर नए सत्र में अभिभावकों पर अत्यधिक फीस न लेने, किसी निश्चित बुकसेलर से कोर्स व ड्रेस लेने आदि के लिए मजबूर नहीं किया जाए वरना शिकायत मिलने पर संबंधित विद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ।
आरटीआई एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के जिला प्रभारी मनु शर्मा एडवोकेट ने जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई शिकायत में कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त जनपद भर के कक्षा नौ से बारह तक के अधिकतर प्राइवेट विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार निर्धारित योग्यता और अर्हता रखने वाले शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति विगत तीन शैक्षिक सत्रों में नहीं हुई है। छात्र एवं छात्राओं के बैठने हेतु निर्धारित मानकों वाले ब्लैकबोर्ड, फर्नीचर, उचित प्रकाश, पंखे, शुद्ध वायु एवं पेयजल, साफ सुथरे शौचालय, खेलकूद प्लेग्राउंड आदि की व्यवस्था अधिकतर प्राइवेट स्कूलों-कॉलेजों में नहीं है। जिससे क्षेत्र में छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के साथ उन्हें शैक्षिक वातावरण मिलनें में भी काफी असुविधा हो रही है।
कुछ प्राइवेट विद्यालयों द्वारा हर वर्ष पाठ्यक्रम बदलकर मोटी फीस वसूलने के साथ बड़े-बड़े प्रकाशकों से सांठ गांठ कर कमीशन खोरी के चक्कर में मनमाने बुकसेलर्स से महंगी पाठ्य पुस्तकों, कोर्साे एवं मनचाहे ट्रेलर्स से स्कूल ड्रेस आदि महंगे दामों में क्रय करने का अभिभावकों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है । उन्होंने बताया कि इससे अधिकतर मध्यमवर्गीय अभिभावकों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ पड़ रहा है । जबकि सरकार द्वारा प्रदेश के प्रत्येक छात्र-छात्रा को अनिवार्य शिक्षा के अंतर्गत निशुल्क, निर्धारित अर्हता प्राप्त योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों से उत्तम व गुणवत्तापरक शिक्षा और शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने की बाध्यकारी जिम्मेदारी है । जिसकी सभी विद्यालयों से सूची व विवरण तलब कर जानकारी उपलब्ध कराते हुए जनपद के मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों-कॉलेजों में जांच कमेटी से सघन जांच कराकर उक्त संबंध में उन्हें निर्देशित किया जाना आवश्यक है । ताकि सरकार की मंशानुरूप छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता परक और योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा उत्तम शिक्षा प्रदान कराई जा सके । उक्त संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक ने मान्यता प्राप्त समस्त विद्यालयों के प्रबंधकों/प्रधानाचार्याे पर उपरोक्त बिंदुओं के संबंध में शक्ति से पालन करने का निर्देश जारी करते हुए हिदायत दी है कि संबंधित विद्यालय के विरुद्ध शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी होगी।