डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलांे में सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक का समय बेतुका है। इतना समय तो इंटर कॉलेजों में भी नहीं है। गांवों मंे स्थित परिषदीय स्कूलों में भरी दोपहरी में तपते कक्षा कक्षों में बच्चांे का बुरा हॉल हो रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषदीय स्कूलों को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया गया है। नित नए प्रयोग किए जा रहे उसके बाद भी शिक्षा की गुणवत्ता में आपेक्षित सुधार नजर नहीं आ रहा है।
अब आठवीं तक के परिषदीय स्कूलों का समय बदलने की उठने लगी मांग जोर पकड़ने लगी है। कोरोना काल में अस्थाई रूप से बढ़ाये गए समय को स्थाई रूप दिए जाने से आक्रोश पनप रहा है।
शिक्षकों का मानना है कि गर्मियों में स्कूलों का समय पूर्व की भॉति सुबह 8 बजे से दोपहर एक बजे तक या सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक उचित है।
माध्यमिक विद्यालयों का समय 7.50 से 12.50 है।
परिषदीय विद्यालयों की भौगोलिक स्थिति तथा संसाधन इस तरह के नहीं कि बच्चे ग्रीष्मकाल के तापमान को सहन कर सकें। दो बजे तक बच्चों की स्थिति बदतर हो जाती है।