डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
’ आर्य समाज मंदिर प्रांगण में जेएसएच. महाविद्यालय में हिंदी विभाग की प्रोफेसर व अध्यक्ष डॉ. बीना रुस्तगी द्वारा अपनी पूजनीय मां श्रीमती हेमा पंत की मधुर स्मृति में आर्यावर्त जन उत्थान (रजि.) अमरोहा द्वारा प्रकाशित ‘वात्सल्य की महायात्रा‘ पुस्तक का विमोचन समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सोमेश शास्त्री द्वारा राष्ट्र कल्याण यज्ञ के साथ किया गया, जिसमें मुख्य यजमान प्रो. व प्राचार्य अशोक कुमार रुस्तगी व डॉ बीना रुस्तगी के साथ समस्त परिजन एवं बाहर से पधारे गणमान्य लोग रहे ।
माता सर्वाेच्च वंदनीय
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जेएसएच कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. पीके जैन ने कहा कि आज के समय में विरले ही होते हैं जो अपने पूर्वजों की धरोहर को संजोकर रखते हैं। डॉ बीना पंत रुस्तगी भी इन्हीं विरलों में से एक है। अपनी मां के वात्सल्य को याद करते हुए अत्यंत संवेदनशीलता के साथ उन्होंने एक कृति वात्सल्य की महायात्रा नाम से तैयार की है, जो उनकी स्मृतियों की धरोहर मात्र नहीं है अन्यों के लिए भी एक प्रेरक स्पूर्ति दायक रचना है।
इस अवसर पर पुस्तक की लेखिका/संपादक/ प्रोफेसर बीना रुस्तगी ने कहा कि मां का स्थान सारी दुनिया में सर्वाेच्च है। पृथ्वी पर मां का मातृत्व परमात्मा का वरदान है। वेद में मां की उपमा पृथ्वी से दी गई है। निश्चय ही मां का कभी भी मूल्यांकन नहीं हो सकता। माता सर्वाेच्च वंदनीय है।
जे.एस.एच. कॉलेज की प्रबंधन कार्यकारिणी में सचिव योगेश जैन ने कहा कि वास्तव में वात्सल्य की महायात्रा पुस्तक अपने आप में अनूठी है। यह एक महान प्रयास है।
पूर्व प्राचार्य डॉ वंदना रानी गुप्ता ने कहा कि डॉ. श्रीमती रुस्तगी ने इस पुस्तक में अतीत की डायरी से, स्मृतियों के झरोखे से, तथा वंश वृक्ष के माध्यम से एक अद्भुत प्रस्तुति दी है। पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. सीताराम शर्मा बंधु ने कहा कि निश्चय ही यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी के लिए एक वृहद संदेश है। रचनाकर्म की सार्थकता भी सिद्ध हुई
इस अवसर पर डॉ. मनोज रस्तोगी (वरिष्ठ पत्रकार) ने कहा कि वात्सल्य की महायात्रा के रूप में यह कृति केवल मां को याद करने का उपक्रम ही नहीं है, वरन इससे रचनाकार के रचनाकर्म की सार्थकता भी सिद्ध हुई है।
आर्य समाज अमरोहा के स्वामी बिरजानंद सभागार में आयोजित इस समारोह में अनिल रस्तोगी (वरिष्ठ पत्रकार) रेवाड़ी ने मां पर केंद्रित इस पुस्तक की मुक्त कंठ से सराहना की।
समारोह में मुरादाबाद से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार बृजेंद्र सिंह वत्स ने कहा कि आधुनिक काल में ऐसे कार्यक्रम एक मील का पत्थर सिद्ध हो सकते हैं। इस अवसर पर उन्होंने अपनी कृति पत्रों के दर्पण से मंचासीन अतिथियों को सप्रेम भेंट की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार मुरादाबाद निवासी चंद्रहास कुमार हर्ष ने मां के विषय में अपनी रचना प्रस्तुत की।
समारोह में ओज के कवि विमल किशोर वंदेमातरम, शायर भुवनेश शर्मा भुवन, समीर तिवारी, श्रीमती विशाखा तिवारी ने अपनी काव्यमय प्रस्तुतियों से समारोह को बुलंदियों तक पहुंचाने का सफल प्रयास किया।
वात्सल्य की महायात्रा की भूरि भूरि प्रशंसा
मुरादाबाद से पधारे कवि राजीव प्रखर दोहाकार ने वात्सल्य की महायात्रा की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा अपने भावपूर्ण दोहों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
इस अवसर पर आर्य समाज के प्रधान अभय आर्य, मंत्री नत्थू सिंह, डॉ संयुक्ता देवी चौहान, डॉ. यतींद्र विद्यालंकार, डॉ. दीपक अग्रवाल, डॉ. अविनाश चौहान, पत्रकार डॉ. नरेंद्र सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
उल्लेखनीय है कि लेखिका श्रीमती रुस्तगी ने यह पुस्तक अपने पूज्य पिता श्री रमेश चंद्र पंत, बड़े भाई कोस्तुभानंद पंत, बड़ी ननद श्रीमती रेखा रुस्तगी, गिरजा किशोर और ललित पंत को समर्पित की है।
कार्यक्रम में अपने स्वागत भाषण में प्रो. अशोक कुमार रूस्तगी ने सभी मान्य अतिथियों तथा उपस्थित महानुभावों का परिचय देते हुए सभी का हार्दिक अभिनंदन किया।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध नवगीतकार स्मृति शेष डॉ. माहेश्वर तिवारी की सहधर्मिणी श्रीमती विशाखा तिवारी संगीतज्ञ, पुस्तक की कंपोजिंग तथा प्रूफ पठन के लिए पंडित चंद्रपाल यात्री, आर्य समाज के मीडिया प्रभारी अनिल कुमार जग्गा तथा कार्यक्रम के कुशल संचालक डॉक्टर वी.के . शुक्ला का शॉल उढ़ाकर हार्दिक अभिनंदन किया गया।
पुस्तक विमोचन समारोह में अपनी नानी तथा डॉ. बीना रूस्तगी की मां स्वर्गीय हेमा पंत के विषय में डॉ. मितीशा रूस्तगी, डॉ. युक्ति रुस्तगी तथा श्रीमती हेमा पंत की पुत्रवधू बीनू पंत ने भी अपने हृदय के उदगार व्यक्त करते हुए श्रीमती हेमा पंत को शत-शत नमन किया।
कार्यक्रम में मौजूद रहे
इस अवसर पर प्रवीण आर्य, विनय प्रकाश आर्य, स्त्री आर्य समाज की मंत्री अंजू आर्या, हेतराम सागर, विनय कुमार त्यागी, डॉ.जी.पी. सिंह, डॉ. राज किशोर शुक्ला, अनिल रुस्तगी, रविंद्र रुस्तगी, रजनीश रुस्तगी, समर, लखनऊ, अनिल रस्तोगी, बदायूं, जितेंद्र पंत, डॉ. हिमांशी पंत, उषा रुस्तगी, हरीप्रिया, खेलेंद्र सिंह, नैनीताल, सरोज चावला, डॉ. राजवीर सिंह यादव, राजनाथ गोयल, बाला गोयल, खेमकरण शर्मा, नरेंद्र गोयल, आर्य समाज के कोषाध्यक्ष अंकुर अग्रवाल, अनुष रेवाड़ी, हर्षित पंत लखनऊ, दिनेश रस्तोगी, यशवंत सिंह, डॉ. गीतेश अग्रवाल, राहुल मोहन माहेश्वरी, एन. के. गर्ग, डॉ. बृजेश कुमार, चित्रा गोयल, विशाल माहेश्वरी, विकास माहेश्वरी, राजू खंडेलवाल, संगीता खंडेलवाल, डॉ. संजय जौेहरी, रोहतास कुमार विद्यार्थी, सरोज वाला विद्यार्थी, शिखा माहेश्वरी, लीना माथुर, प्रबोध सक्सेना, इशरत अली, डॉ. महेंद्र मौर्य, , सिद्धार्थ अग्रवाल, मनोहर लाल आर्य, प्राची आर्या, डॉ. रमा रस्तोगी, डॉ. ओमवती देवी, मनोज कुमार, डॉ. नवाब सिद्दीकी, पुष्पा अग्रवाल, राजीव यादव पत्रकार देवेश शर्मा आदि सहित नगर के प्रतिष्ठित महानुभव साहित्यकार समाज से भी पत्रकार बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
राष्ट्रगीत वंदे मातरम गायन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अंत में धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर प्रीतिभोज का भी आयोजन
किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. वीके शुक्ल ने किया।