Thursday, November 21, 2024
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सोमनाथ और चांद सा चमकता व्यक्त्त्वि


डॉ. शुचि शर्मा
बिजनौर/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)

कहते हैं मुसीबत के समय ईश्वर किसी न किसी माध्यम से हमारी सहायता जरूर करते हैं आज भी अगर दुनिया कायम है तो जरूर अच्छे लोगों की वजह से ही है इन्हीं अच्छे लोगों की अच्छाई को हम अपने दिल में एक अच्छी याद ईश्वर की कृपा के समान हमेशा बड़े प्रेम पूर्वक अपने हृदय के संदूक में मलमल कपड़े रूपी प्रेम से बड़ी नाजुक्ता से सहेज कर रखना चाहिए ताकि उनका एहसास महक हमारे जीवन को अच्छाई करते रहने की प्रेरणा देता रहे।
बात है साल के सबसे सुंदर और गुलाबी गुनगुनाते मौसम को लिए फरवरी महीने 2022 की जब ना जाने क्यों अनायास ही गुजरात घूमने की इच्छा और ज्योतिर्लिंग जी के दर्शनों की हुई या यूं कह लीजिए प्रभु ने मिलने को बुलाया था कार्यक्रम कुछ यूं था कि रोज-रोज एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए नियमित समय पर रात में ट्रेन थी। पहले ही दिन हमारी ट्रेन किसी कारण से रद्द हो गई जिसके कारण सारी ट्रेन का शेड्यूल गड़बड़ा गया था परंतु कहते हैं ना जो भी कुछ होता है उसके पीछे प्रभु की कोई इच्छा हमारी भलाई के लिए होती है जो हमें बाद में पता चलती है।
बात गुजरात की है 12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे पहले ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ जी की वहां पर हमें पूर्ण नियोजित कार्यक्रम के अनुसार प्रातः काल पहुंचना था पर पिछले कार्यक्रम के गड़बड़ होने के कारण हम शाम को पहुंचे उसके 2 घंटे बाद ही हमारी ट्रेन थी।
हमें बेहद जल्दी थी क्योंकि एक तरफ तो ट्रेन छूटने का डर था वही प्रभु दर्शन के लिए मन में बेहद खुशी भी थी मन में चिंता थी कि कहीं फिर से ट्रेन ना निकल जाए क्योंकि घर से इतनी दूर किलोमीटर आने पर और फिर उसे निर्धारित समय पर तय करना बड़ा कठिन हो जाता है खैर समुद्र की तेज लहरें उनसे उठता हुआ शोर हवाओं में शिव जी का एहसास वह डमरू की आवाज उफ़ वह इतने भव्य,सुंदर मंदिर के नजारे मानो दिल में आंखों के रास्ते उतरकर आत्मा में बस गए अपना पूरा सामान आप अपने साथ लेकर आनन -फा न न मे थ्री व्हीलर लिया हमने प्रभु को चढ़ने वाले पैसे और अन्य लोगों ने जो भी पैसे दिए थे और कुछ अपने पैसे यह सभी कुछ एक पर्स में रख दिए क्योंकि पर्स में अच्छी खासी धनराशि थी इसलिए वह पर्स अपने हाथ में ही रख लिया थ्री व्हीलर स्कूटर वाले को समय पर मंदिर पहुंचने एवं गंगा जी के दर्शन करने के लिए हमने कहा था मंदिर पर जब स्कूटर से हम उतरकर दर्शन के लिए चले तो वहां जाकर मालूम हुआ के पैसों से भारा पर्स मेरे हाथ से कहीं छूट गया बिना कुछ बोल चिंतित मन से मैं आगे बढ़ रही थी प्रभु के इतने सुंदर दर्शन करके आत्म तृप्ति और आत्म सुख का पान करती हुई मैं चली जा रही थी समय बेहद कम बचा था इसी बीच वहां की पवित्र नदी के घाट के जल का स्पर्श करने का मौका मिला और वहां भी जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ गंगा जी जहां पर बेहद अंधेरा आ चुका था बस हमारा ही परिवार था।
अंधेरा बहुत था वहां और और इस अंधेरे के बीच थ्री व्हीलर वाले भैया ने हमारे लिए उसे पवित्र नदी के पानी को ले जाने के पा त्र का भी प्रबंध किया और फिर शार्टकट रास्ते से मंदिर में पहुंचने में सहायता करने लगे देखने में वह लगभग 40 वर्ष के थे गरीब परंतु हमारे साथ कदम से कम मिलाते हुए दर्शन करने में हमें उन्होंने पूर्ण सहयोग दिया जब मैं दर्शन करके स्कूटर में बैठी फिर से पैसो से भरे पर्स की याद आ गई और कुछ पल के लिए मन उदास हो गया क्योंकि सारी व्यवस्थाएं एवं मदद विशेष रूप से घर से बाहर होने पर हमें पैसों से ही मिलती है तभी इस भाई ने अपने हाथ से पर्स को देते हुए कहा यह आपका पर्स यही रह गया था आप जल्दी में थे तो यहीं छूट गया मैंने संभाल के रख लिया आपको देने के लिए रख लिया। उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा मानो मेरी डूबती आंखों में नई चमक पैदा कर गया देखा तो पर्स जैसा था वैसे ही मिला रास्ते में उसे भाई के प्रति मन में इतना सम्मान आने लगा कि शब्दों द्वारा उसका बखान नहीं कर सकती उनकी ईमानदारी उनका सहयोग उनका इतने कम समय के लिए जीवन में आकर अपनी गरीब स्थिति में भी अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी बरतना बहुत कुछ कहा गया बहुत कुछ सीखा गया उनको धन्यवाद के लिए न शब्द थे ना ही कुछ उपहार बस कुछ पैसे जो उसे समय यथोचित लगे दे दिए परंतु उनके इस गुण से समझ आया कि आज भी ऐसे ईमानदार,सहज और सरल प्रतिभाके व्यक्तित्व के धनी लोग मौजूद हैं जिनकी उपस्थिति और चमक से यह दुनिया टिकी हुई है और जगमगा रही है।
लेखिकाः डॉ. शुचि शर्मा
इंदिरा विहार कॉलोनी, मेरठ रोड
बिजनौर, उत्तर प्रदेश।

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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