डॉ. दीपक अग्रवाल
बिजनौर/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नूरपुर क्षेत्र बिजनौर के ग्राम फीना में जवाहारलाल नेहरू ने एक सभा की थी। इस सभा में स्वागत दल में बाल स्वयंसेवक के रूप में हिस्सा लेने वाले बाबू सिंह चौहान ने मंगलवार को अंतिम श्वास ली। बाबू सिंह अपने पुत्र और डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के राजा बलवंत सिंह महाविद्यालय में विभागाध्यक्ष डॉ. परवेंद्र कुमार सिंह के पास आगरा में रह रहे थे।
ग्राम फीना में पंडित नेहरू के आने के प्रसंग को इतिहाससेवी और क्षेत्रीय इतिहास संकलन एवं लेखन अभियान के संस्थापक फीना निवासी इंजीनियर हेमन्त कुमार ने खोज कर लिपिबद्ध किया था।
इंजीनियर हेमन्त को दिए एक इंटरव्यू में बाबू सिंह ने अनेक पुरानी जानकारियां देते हुए बताया था कि बालसेवक अपनी सिर की ऊँचाई के बराबर डंडे साथ ले गए थे। जब पंडित नेहरू सभा स्थल आये तो सभी बालक स्वागतपथ पर बिछी कालीन के दोनों ओर पंक्ति में खड़े हो गए और लाठियों को ऊपर उठाकर उन्हें आगे की ओर झुकाकर स्वागत मार्ग बनाया था।
फीना के हरपाल सिंह हल्दौरी भी इस सभा में शामिल हुए थे इनका भी निधन हो चुका है। पंडित नेहरू आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री बने। बिजनौर के अग्रणी क्रांतिकारी गोविन्द सहाय के अनुरोध पर नेहरू यहाँ आये थे।
बाबू सिंह चौहान सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत पर चलते थे। आप पुरानी बातों और परंपराओं के गहरे जानकार थे। बाबू सिंह के बाबा एक ख्यातिलब्ध हकीम (वैद्य) हुए थे इसलिए इनका परिवार हकीमों के परिवार के नाम से जाना जाता है।
ग्राम फीना में पंडित नेहरू द्वारा जन सभा करने की बात काफी सुनने को मिलती थी जोकि इनके द्वारा पुष्ट हुई। इस सभा में मौजूद ग्रामवासियों ने जब पूछा कि आजादी कब तक मिलेगी तो पंडित नेहरू ने कहा था कि बस थोड़ा सब्र करो आजादी देश के द्वार पर खड़ी है।