डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/लखनऊ/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब परिवार के बच्चों के एडमिशन लॉटरी के माध्यम से पब्लिक स्कूलों में कराती है और खर्चा स्वयं वहन करती है। ऐसी स्थिति में अभिभावकों को बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों से मोहभंग होना लाजमी है।
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2025-26 के लिए पहले चरण में 71, 381 और दूसरे चरण में 50.638 बच्चों के लिए सीटें आवंटित की गई हैं। उधर बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या लगातार घटती जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से गरीब छात्रों के पब्लिक स्कूलों में एडमिशन कराने की योजना भी जिम्मेदार है। हर गरीब अभिभावक की चाहत अपने पाल्यों को पब्लिक स्कूलों में पढ़ाने की होती है। इस पर सरकार को गंभीरता से मंथन करना चाहिए, वरना वह दिन दूर नहीे जब छात्र संख्या शून्य होने पर सरकारी स्कूलों को बंद करने की नौबत आ जाएगी।
सरकार गरीब छात्रों के पब्लिक स्कूलों में एडमिशन कराएं तो सरकारी स्कूलों में क्यों पढ़े?
