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छात्र शहजाद पिकनिक संस्मरण

डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)

ये कहानी शुरू होती है एक छोटे से शहर से जिसका नाम है गजरौला कंपोजिट विद्यालय गजरौला में पढ़ने वाले गौरव और मैं शहजाद से ’हम सभी गणित में बहुत तेज़ हैं जैसा कि मुझे लगता है।’ इनमें से गौरव और मेरा नाम पिकनिक में आया। जब हमें पता चला तो हम बहुत ही खुश हुए। क्योंकि हम सोच रहे थे कि जब पेपर देने गए थे तब हमें विज्ञान का पेपर मिला जो 25 नंबर का था। समय था एक घंटा लेकिन जब पेपर पूरा हुआ तो बस 30 सेकेंड का समय शेष था पेपर जमा किया। उसके बाद नाश्ता मिला जिसमें एक समोसा दस रूपए वाली फ्रूटी 2 रुपए वाला बिस्कुट, और नंबर आए मेरे 15 गौरव के 14, कक्षा 7 से अलीशा के भी 15 आए। बताया गया कि जिसके 18 नंबर हैं वही पिकनिक पर जाएंगे। हमने सोचा हमें पिकनिक पर जाने का मौका नहीं मिलेगा लेकिन जब आज सूचना मिली तो मन झूम उठा। हमें अपने आप में टॉपर की अनुभूति होने लगी थी। जहां हम जा रहे थे वहां सारे कोर्स होते हैं चाहे डॉक्टर इंजीनियर या फिर टीचर। नाम था वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी। सबसे पहले हम इतब पर गए अपनी बड़ी मैम के साथ जिनका नाम रेखा रानी है इन्हें इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बहुत बड़ा इनाम दिया है। हमें इनसे डर लगता है लेकिन जब हम इनके साथ पिकनिक पर गए तो बहुत अच्छा लगा ये मैम बच्चों को बहुत प्यार भी करती हैं इनकी वजह से भी हमारे स्कूल में जन्मदिन खेल और सारे प्रोग्राम बढ़िया से चलते हैं पढ़ाई के मामले में इनका कोई समझौता नहीं होता है। हमें इतब पर टी शर्ट और कैप दी गईं। सभी स्कूलों के बच्चे आए एटेंडेंस हुई फिर दो लाइनों में चले हमारी खंड शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता जी ने झंडी दिखा कर हमें रवाना किया। हमारे हाथों पर हमारे नंबर लिख दिए। हमें जिस बस में बैठाया उसका नंबर 9034 था। हमें 88 तक के नंबर मिले मेरा नंबर 63 और गौरव का 62 था। बस में अंत्याक्षरी चली बड़े मज़े आए। यूनिवर्सिटी पहुंचे फ़िर से दो लाइनों में उतारा गया फ़िर वहां से ऊपर एक बड़े हॉल में बैठे जहां हमें बहुत सारे गुरुजी मिले । एक बड़ी मैम ने बहुत अच्छे से सिखाया कि हमें अच्छा इंसान बनना चाहिए। फ़िर 2रू00 बज गए सबने कहा पहले खाना खा लिया जाए । दो लाइनों में हम सब नीचे ग्राउंड में टीचर्स के साथ गोल घेरे में बैठे खाना और पानी बस से लाया गया बांटा गया और मज़े से खाया। एक पैकेट में पूड़ी,आलू गोभी चावल छोले एक रसगुल्ला , सलाद में खीरा एक हरी मिर्च मिली। खाने के बाद सात मंज़िल पर लाईब्रेरी में गए जहां हम लकड़ी की कुर्सियों पर बैठे। वहां भी फ़ोटो ग्राफी हुई। बाद में अपने बैग लिए और वापसी जब हम चार फ्लोर पर आए तो आर्यन की अम्मी मिलीं। उनसे बात करने के बाद हम सब हॉस्पिटल की तरफ आए लेकिन पेपर चलने की वजह से अंदर एंट्री नहीं हो पाई। वहीं घेरे में बैठे सर जी ने काफ़ी बातें बताई। हमसे पूछा कि बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं। किसी ने कुछ किसी ने कुछ मैंने तो पेंटिंग बताई। वापस दो लाइनों में बस पर आए अंदर बैठे फ़िर से एटेंडेंस हुई कहीं कोई छूट तो नहीं गया। गिनती हुई। बस में फिर मज़े किए। वापस आए बड़ी मैम ने सबको घर तक छोड़ा। ’याद रहेगी यह पिकनिक’
मिलते हैं ब्रेक के बाद।

’शहजाद
कक्षा 8
कंपोजिट विद्यालय गजरौला
वि० क्षेत्र गजरौला
जनपद अमरोहा।’

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Dr. Deepak Agarwal
Dr. Deepak Agarwal is the founder of SunShineNews. He is also an experienced Journalist and Asst. Professor of mass communication and journalism at the Jagdish Saran Hindu (P.G) College Amroha Uttar Pradesh. He had worked 15 years in Amur Ujala, 8 years in Hindustan,3years in Chingari and Bijnor Times. For news, advertisement and any query contact us on deepakamrohi@gmail.com
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