डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
आजकल युवाओं और बच्चों में भी हार्टअटैक का खतरा बढ़ गया है। अटैक से आए दिन किसी न किसी युवा की मौत की खबर आ ही जाती है। इसीलिए जरूरी हो गया है कि आप अपने साथ-साथ बच्चों के बीपी और लिपिड प्रोफाइल पर नजर रखें। इसके लिए एक चार्ट बनाना चाहिए।
ऐसा किया जा सकता है कि कम से कम 15 दिन में एक बार बीपी को नोट करंे। साथ ही कम से कम 6 महीने पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं और चार्ट बनाकर रखें। इससे अचानक किसी की तबीयत खराब होने पर चार्ट चिकित्सक की शरीर के नेचर को समझने में सहायता करेगा।
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट से पता चलता है कि खून में वसा (लिपिड) की मात्रा कितनी है. यह टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल पैनल, या लिपिड पैनल के नाम से भी जाना जाता है. इस टेस्ट से दिल से जुड़े रोगों के खतरे के बारे में जानकारी मिलती है।
इस टेस्ट से निम्न जानकारी मिलती हैंः
1.खून में अच्छे और खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा।
2.ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर।
3.हृदय संबंधी बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी समस्याओं का खतरा।
4.फैटी लीवर या पैंक्रिअटिटिस जैसी अन्य स्थितियां।
- अगर कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाएं ली जा रही हैं, तो उनका कितना असर हो रहा है।
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट अमूमन सुबह को खाली पेट कराना चाहिए।
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट को देखकर पहले डाक्टर जीवनशैली में बदलाव की सलाह भी दे सकते हैं। एक दम से दवा शुरू नहीं की जाती है। सुधार न होने की स्थिति में दवा का सेवन करना पड़ता है। बिना चिकित्सक की सलाह के स्वयं से सोशल मीडिया पर देखकर दवा खाने का रिस्क न लें।
(लेखक डॉ. दीपक अग्रवाल सिंह साहब होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल गुलड़िया-अमरोहा में एकेडमिक विंग से जुड़े हैं)