डॉ. दीपक अग्रवाल
अमरोहा/उत्तर प्रदेश (सनशाइन न्यूज)
शिक्षा का अधिकार अधिनियम ने गरीब और वंचित परिवार के बच्चों को पब्लिक स्कूलों में पढ़ने का रास्ता खोल दिया है। जिस वजह से गरीबों का मन भी अपने बच्चों को पब्लिक स्कूलों में पढ़ाने का करता है और बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लगातार नामांकन घटता जा रहा है।
इन दिनों प्रशासन के बड़े अफसरों से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी नामांकन बढ़ाने के लिए दिन-रात चिंतन कर रहे हैं, लेकिन नामांकन है कि बढ़ने को तैयार नहीं है। स्कूलों मंे नामांकन न बढ़ने के कई कारण है जिनमें एक प्रमुख कारण आरटीई के तहत गरीब परिवार के बच्चों के पब्लिक स्कूलों में एडमिशन भी हैं।
जनपद अमरोहा में 1647 बच्चों को लाटरी के माध्यम से पब्लिक स्कूलों का आवंटन किया गया जिसमें से 1200 से अधिक छात्र-छात्राआंे ने पब्लिक स्कूलों में एडमिशन ले भी लिया है। जिन बच्चों को एडमिशन लाटरी के माध्यम से नहीं हो पाता है उनके माता-पिता मायूस हो जाते हैं और अपने खर्चे पर पब्लिक स्कूल मंे एडमिशन कराते हैं। यही मुख्य वजह जो सरकारी स्कूलांे में नामांकन घट रहा है।
यह स्थिति तो छोटे जनपद अमरोहा कि जबकि उत्तर प्रदेश में एक लाख 80 हजार से अधिक गरीब परिवार के बच्चों को एडमिशन पब्लिक स्कूलांे में कराया गया है।
बीएसए मोनिका ने बताया कि जनपद अमरोहा में लाटरी के माध्यम से 1600 से अधिक बच्चों को पब्लिक स्कूलों का आवंटन किया गया है जिनमें से 1200 से अधिक ने बच्चों ने एडमिशन ले भी लिया है।
आरटीई से पब्लिक स्कूलों में एडमिशन/सरकारी स्कूलों में घटते नामांकन से अफसर व टीचर परेशान
