डॉ. दीपक अग्रवाल
देहरादून/उत्तराखंड (सनशाइन न्यूज)
विश्व हिन्दी मंच के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ यतींद्र कटारिया ने उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी का विश्व हिन्दी मंच की ओर से बधाई देते हुए स्वागत पट्टिका प्रदान कर अभिनंदन किया तथा विश्व हिन्दी मंच द्वारा ऋषिकेश में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी के बारे में चर्चा की।
सीएम ने दिया सहयोग का आश्वासन
विश्व हिन्दी मंच द्वारा ऋषिकेश में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगोष्ठी की सफलता के सिलसिले में केंद्रीय अध्यक्ष डॉ यतींद्र कटारिया ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की तथा उन्होंने सहयोग का निवेदन किया जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि पूर्ण सहयोग किया जाएगा व कार्यक्रम में प्रतिभाग भी करेंगे इस अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तथा शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम से भी भेंटकर अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगोष्ठी में उपस्थिति का निवेदन किया। उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विश्व हिंदी मंच की ओर से मुख्यमंत्री धामी का अभिनंदन किया वह कहा कि उत्तराखंड में देववाणी संस्कृत व राष्ट्रभाषा हिन्दी को पर्याप्त अवसर प्रदान होंगे
हिंदी सेवियों व साहित्यकारों का सम्मान होगा
ग़ौरतलब है कि ऋषिकेश में दुनिया भर से आने वाले विदेशियों को हिंदी कार्यशालाओं के माध्यम से हिन्दी शिक्षण का योगदान कर रही संस्था विश्व हिंदी मंच के तत्वावधान में देश के अलग अलग क्षेत्रों में साहित्य संगोष्ठी हिंदी सम्मेलन आदि अनेक कार्यक्रम संचालित है इसी कडी़ में मंच का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ऋषिकेश में प्रस्तावित है जिसमें महामहिम उप राष्ट्रपति महोदय से भी उपस्थिति प्रदान करने का निवेदन किया गया है व लोक सभा अध्यक्ष से भी उपस्थिति का निवेदन किया गया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा जो हिंदी विश्व मंच के संरक्षक भी है की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है डॉक्टर कटारिया ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में विश्व भर में हिंदी सेवा में लगे हुए हिंदी सेवियों व साहित्यकारों का सम्मान किया जाएगा।
इस अवसर पर विश्व हिंदी मंच के जनपद बिजनौर के प्रभारी सौरव राणा व त्रिलोक कुमार विश्व हिंदी मंच के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक डॉक्टर विकास सूर्यवंशी वह पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद उपस्थित रहे।